बिलासपुर की सड़कों पर ‘सुरक्षा’ गायब... झांक रही मौत
सिग्नल पर मामूली गलती के लिए चालान काटने वालों को सड़कों की यह बदहाली दिखाई नहीं देती। हर दिन हो रही दुर्घटनाएं इस अनदेखी की कीमत चुका रहे हैं। पीली पट्टियां केवल रंग नहीं बल्कि सड़क सुरक्षा का आधार हैं। जब प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ता है तो इसका खामियाजा नागरिकों को जान और माल से चुकाना पड़ता है।
By Manoj Kumar Tiwari
Publish Date: Wed, 20 Nov 2024 08:12:30 AM (IST)
Updated Date: Wed, 20 Nov 2024 08:12:30 AM (IST)
व्यापार विहार मेन रोड के पास नाले के खुले हुए ढ़क्कन HighLights
- सड़कों की अव्यवस्थित स्थिति प्रशासनिक लापरवाही का कड़वा सच।
- सड़कों पर बेतरतीब पार्किंग, खुले नालों से हादसे का खतरा बढ़ गया।
- सड़कों पर पीली पट्टियां केवल रंग नहीं बल्कि सड़क सुरक्षा का आधार।
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। न्यायधानी की सड़कों पर यातायात की रीढ़ मानी जाने वाली पीली पट्टियां अब अतीत का हिस्सा बन चुकी हैं। दयालबंद-राजकिशोर मार्ग, व्यापार विहार, तारबाहर, सरकंडा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में ये पट्टियां लगभग गायब हो चुकी हैं। नतीजा सड़कों पर बेतरतीब पार्किंग, खुले नालों से हादसे का खतरा बढ़ गया है। वाहन चालकों के लिए सुरक्षित दिशा का अभाव और सड़कों की अव्यवस्थित स्थिति प्रशासनिक लापरवाही का कड़वा सच है।
क्या सड़कों पर सुरक्षा लौटाने के लिए और मौतों का इंतजार है?
सड़कों पर पीली पट्टियों का गायब होना एक गंभीर समस्या बन चुकी है। यह न केवल यातायात नियमों का उल्लंघन है। सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण भी है। दयालबंद-राजकिशोर मार्ग, व्यापार विहार, तारबाहर, लिंक रोड और सरकंडा जैसे प्रमुख मार्गों पर अब यह पट्टियां दिखाई नहीं देतीं। इसके कारण कई बार वाहन चालकों को दुविधा होती है। सड़क पर खींची गई पट्टियां केवल रंग नहीं। यातायात का नियमन करने वाले संकेत हैं।
सड़क पर पट्टियों का महत्व
- 01 पीली पट्टीयह सड़कों के किनारे खींची जाती है, जो यह संकेत देती है कि उस क्षेत्र में पार्किंग नहीं होनी चाहिए। यह सड़क की चौड़ाई और वाहन चालकों के लिए सुरक्षित रास्ता तय करने में सहायक होती है।
- 02 सफेद पट्टीयह लेन को विभाजित करने के लिए होती है। यह सुनिश्चित करती है कि वाहन निर्धारित लेन में चलें। शहर में यह भी कहीं दिखाई नहीं पड़ता। वर्षाऋतु के बाद से स्थिति गंभीर हुई है।
- 03 डबल पीली पट्टीदोहरी पीली पट्टी का मतलब है कि ओवरटेक करना प्रतिबंधित है। यह खासतौर पर घुमावदार रास्तों और ट्रैफिक वाले क्षेत्रों में होती है। इसकी जानकारी भी लोगों को होना आवश्यक है।
पीली पट्टी गायब होने के दुष्परिणाम
पीली पट्टी न होने से वाहन चालक सड़क किनारे बेतरतीब गाड़ियां खड़ी कर देते हैं। इससे ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं। सड़क किनारे नाले के ढक्कन खुले होने पर हादसे का खतरा और बढ़ जाता है।यातायात नियमों की अनदेखी और पीली पट्टी के अभाव में वाहन चालकों को सही दिशा का अंदाजा नहीं होता। इससे दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं।
प्रमुख विभाग हैं जिम्मेदार
यातायात विभाग, नगर निगम और लोक निर्माण विभाग के बीच तालमेल का अभाव स्पष्ट दिखता है। सिग्नल पर मामूली गलती पर वाहन चालकों पर जुर्माना तो तुरंत लगाया जाता है, लेकिन सड़कों की स्थिति सुधारने की जिम्मेदारी से सभी पल्ला झाड़ लेते हैं। इन तीनों विभागों के बीच समन्वय नहीं होने से यह स्थिति है।
नागरिकों व वाहन चालकों की जुबानी
पीली रेखा से आसानी: अभिलाष
तारबाहर निवासी अभिलाष रजक का कहना है कि सरकंडा में मेरी दुकान है। दुकान के सामने हमेशा गाड़ियां खड़ी रहती हैं। पीली पट्टी होती तो ग्राहक भी सहजता महसूस करते हैं। तत्काल इस ओर ध्यान देना होगा।
रात में डर लगता है: कैलाश
शंकर नगर निवासी कैलाश तिवारी का कहना है कि कई सड़कें पहले से ही संकरी हैं। अब तो न पीली पट्टी दिखती है और न ही कोई सही पार्किंग व्यवस्था। हम जैसे चारपाहिया वाहन चालकों को हमेशा डर लगा रहता है।
हादसों का प्रमुख कारण:जयप्रकाश
रेलवे के रिटायर्ड मेल एक्सप्रेस गार्ड एसएम जयप्रकाश का कहना है कि शहर तो छोड़ो, रेलवे कालोनी की सड़कों से पट्टियां गायब हैं। रात में पट्टी न होने की वजह से सड़क के किनारे और लेन का अंदाजा नहीं लगता। कई बार हादसे हो चुके हैं।
वाहन चलाते समय बरतें सावधानी
- सड़क की पट्टियों का ध्यान रखें।
- निर्धारित लेन में ही वाहन चलाएं।
- नो-पार्किंग क्षेत्रों में वाहन न खड़ा करें।
- नाले या खुले ढक्कन के आसपास वाहन चलाते समय सतर्क रहें।
- रात्रि में वाहन चलाते समय धीमी गति से चलें।
यह काम सबसे पहले हो
- विभाग प्राथमिकता से पीली पट्टियों को पुनर्स्थापित करें।
- नगर निगम को नालों के ढक्कनों को तुरंत बंद करें।
- सड़क सुरक्षा के महत्व व यातायात नियमों का पालन कराएं।
- जहां सीसीटीवी नहीं हैं वहां कैमरे लगाए जाएं।
बीते तीन साल में संकेत उल्लंघन
वर्ष संकेत उल्लंघन
- 2021 1,578
- 2022 880
- 2023 516
इस साल छह माह में 1,260 उल्लंघन
साल 2024 संकेत उल्लंघन
- जनवरी 41
- फरवरी 101
- मार्च 354
- अप्रैल 264
- मई 86
- जून 116
- जुलाई 198
- कुल 1160