बिलासपुर। दिवाली पर्व को अब महज कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। सभी इस पर्व को मनाने की तैयारी में जुट गए हैं। इसे में लोग आतिशबाजी करने की भी तैयारी कर रहे है। दीपावली में आतिशबाजी की वजह से किसी तरह की अनहोनी नहीं हो, इसके लिए पटाखे जलाने वक्त सावधानियां बरतना बहुत ही जरूरी है। अन्यथा पटाखों से झुलसकर घायल होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में इन युक्तियों को अपना कर पटाखों से होने वाली दुर्घटना से बचा जा सकता है और पूरी तरह से सुरक्षित दिवाली मनाया जा सकता है।
- खुली जगह पर ही पटाखे फोड़े।
- पटाखा को जलाने समय लंबी मोमबत्ती, अगरबत्ती अथवा फूलझड़ी का इस्तेमाल करें।
- पटाखा जलाने वक्त अपने शरीर को उससे दूर रखें।
- नाइलान अथवा सिंथेटिक कपड़ों की बजाय सूती वस्त्र पहनकर पटाखे जलाएं।
- पटाखा जलाते समय शरीर को कपड़ों से ढंके रहें व जूते पहनें।
- बच्चों को अभिभावक या बड़ों की उपस्थिति में ही पटाखा जलाने दें।
- पटाखा जलाने से पहले ही बच्चों को बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी जाए।
- बच्चों को पटाखे जेब में न रखने की सलाह दें। शरीर व कपड़े की गर्मी से पटाखे कभी भी फूट सकते हैं।
- पटाखे जलाने वाले स्थानों पर कंबल, पानी व रेत से भरी बाल्टी अवश्य रखें।
- अगर पटाखे से कोई व्यक्ति जल जल जाए तो तुरंत शरीर के जले हुए हिस्से को ठंडे पानी से धो दें और फिर बरनाल या एलोविरा लगाएं। गंभीर रूप से जलने की स्थिति में निकट के अस्पताल में तुरंत ले जाएं।
- इमरजेंसी की स्थिति में 100, 101, एंबुलेंस के लिए 108, 112 पर फोन लगाकर इसकी सूचना दें, ताकि समय पर स्वास्थ्य सुविधा मिले सके।
- सार्वजनिक सड़क पर पटाखे न जलाएं।
- पटाखों को हाथ में रखकर कभी न जलाएं।
- पटाखे ऐसी जगह पर नहीं जलाएं, पेट्रोल, डीजल, केरोसिन तेल, गैस सिलिंडर अथवा कोई ज्वलनशील पदार्थ रखा हो।
- आने-जाने वाले लोगों अथवा जानवरों पर पटाखे को जलाकर नहीं फेंके।