बिलासपुर। गृह विभाग ने छत्तीसगढ़ सब इंसपेक्टर, सूबेदार और प्लाटून कमांडर के 655 पदों पर भर्ती के लिए अगस्त 2018 मे विज्ञापन जारी किया था। वर्ष 2021 में पदों में बढ़ोतरी करते हुए इसे 975 कर दिया गया। तीन स्तर पर भर्ती प्रक्रिया पूरी की गई। 17 अगस्त से आठ सितंबर तक विभाग ने साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी की गई। इसके बाद आजतलक अंतिम चयन सूची जारी नहीं की गई है।
आश्चर्य की बात ये कि जब छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने चयन सूची जारी करने अपना फैसला सुनाया था तब राज्य में चुनाव के लिए आचार संहिता भी जारी नहीं की गई थी। दो महीने का समय होने के बाद भी अंतिम चयन सूची जारी ना करने को लेकर अब गृह विभाग के आला अफसरों के रवैये पर सवाल उठने लगा है।
अंतिम चयन सूची जारी ना करने के असर अब उम्मीदवारों पर दिखाई देने लगा है। साक्षात्कार देने वाले अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति बनने लगी है अधिकांश उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी सरकारी नौकरी की उम्र पार होने वाली है। आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे अभ्यर्थियों में अब निराशा छाने लगी है। सूबेदार,उप निरीक्षक संवर्ग,प्लाटून कमांडर भर्ती की पहली प्रक्रिया पुलिस विभाग ने पूरी की।
उम्मीदवारों के शारीरिक मापदंड परीक्षा पुलिस ने ली थी। इसके बाद 70 हजार अभ्यर्थियों की सूची लिखित परीक्षा लेने के लिए व्यावसायिक परीक्षा मंडल के हवाले कर दिया था। प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों के लिए मुख्य परीक्षा का आयोजन किया गया। इसमें उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया गया था। साक्षात्कार की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। अब अंतिम सूची जारी करना शेष है। पूरा मामला यहीं पर आकर अटक जाता है।
प्लाटून कमांडर के पद को लेकर आपत्ति
साक्षात्कार की प्रक्रिया के बीच एक दर्जन से अधिक अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर प्लाटून कमांडर के पद पर महिलाओं को शामिल करने पर आपत्ति दर्ज कराई और इस पर रोक की मांग की थी। याचिका में इस बात की आपत्ति की गई थी कि प्लाटून कमांडर के पद पर भर्ती के लिए महिलाओं को भी शारीरिक परीक्षा में चयन कर लिया है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया था। हाई कोर्ट से राहत ना मिलने पर याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए याचिका खारिज कर दी थी।
सीलबंद लिफाफा में शासन ने कोर्ट के सामने पेश किया था जवाब
हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन को बंद लिफाफा में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। इसी बीच एक्स सर्विस मैन को लेकर एक और याचिका दायर की गई। इसमें कहा गया कि भर्ती के लिए जारी विज्ञापन में एक्स सर्विस मैन के लिए जितना पद आरक्षित किया गया था उससे कम संख्या में भर्ती की जा रही है। इस पर राज्य शासन ने जवाब दिया कि पद के विरुद्ध एक्स सर्विस मैन ने आवेदन ही नहीं किया है। इस बीच राज्य शासन ने पूरी रिपोर्ट बंद लिफाफे में कोर्ट के समक्ष पेश कर दिया।
चयन सूची जारी करने 20 अभ्यर्थियों ने लगाई थी गुहार
रुपेश कुमार एवं अन्य 20 अभ्यर्थियों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अंतिम चयन सूची जारी करने की गुहाई लगाई थी। मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल के सिंगल बेंच में हुई। सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने कोर्ट को बताया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता लागू कर दिया है।
इस पर कोर्ट ने शासन को निर्देशित किया था कि चुनाव आयोग से अनुमति लेकर अंतिम चयन सूची जारी किया जाए। कोर्ट के निर्देश पर राज्य शासन ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर अंतिम चयन सूची जारी करने की अनुमति मांगी थी। शासन के पत्र के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर अभिमत मांगा है।
ऐसे चली भर्ती प्रक्रिया
शारीरिक नापजोख परीक्षा- जून जुलाई 2022 में पूरा हुआ।
प्रारंभिक परीक्षा- 29 जनवरी 2023 को हुआ।
मुख्य परीक्षा का आयोजन- 26 मई 29 मई 2023 तक।
शारीरिक दक्षता परीक्षा का आयोजन- 18-30 जुलाई तक।
साक्षात्कार का आयोजन- 17 अगस्त से आठ सितंबर तक।
अंतिम चयन सूची अब तक नहीं हुई
वर्जन
राज्य शासन ने महाधिवक्ता कार्यालय से इस संबंध में अभिमत मांगा था। इसी आधार पर शासन की ओर से बंद लिफाफा में जवाब पेश किया गया था। हाई कोर्ट के आदेश के बाद अंतिम चयन सूची जारी करने के संबंध में राज्य शासन ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर अनुमति मांगी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने शासन के पत्र का हवाला देते हुए भारत निर्वाचन आयोग से इस संबंध में अभिमत मांगा है। आयोग से अनुमति मिलते ही अंतिम चयन सूची जारी की जाएगी।
संदीप दुबे- उप महाधिवक्ता,छग हाई कोर्ट