नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर। नगर से लगे ग्राम अजिरमा में नवीन पुलिस पब्लिक स्कूल के लिए प्रशासन ने जिस भूमि को आवंटित किया है उसको लेकर यहां चालीस वर्ष से निवासरत भूमिहीन जरूरतमंद परिवार के काबिज लोगों के लिए नई समस्या खड़ी हो गई है।
इनमें अधिकांश बांग्लादेशी शरणार्थी हैं। इन लोगों ने वर्षों से इस भूमि पर काबिज होकर मकान, पेयजल की व्यवस्था सहित अन्य संसाधन स्थापित किया है। प्रशासन के द्वारा भूमि आवंटित होते ही यहां पुलिस विभाग ने अपनी भूमि होने का सूचना बोर्ड लगा दिया है। जिससे कई परिवारों में हड़कंप मच गया है।
कलेक्टर के नाम दिए ज्ञापन में अजिरमा के बड़ी संख्या में लोगों ने बताया कि ग्राम अजिरमा में भारत सरकार पुनर्वास विभाग द्वारा शासकीय भूमि के विभिन्न खसरा नंबर की भूमि उपलब्ध है। इस पर तत्कालीन समय अनुसार 20 से लेकर 40 वर्षों से लोग जिनके पास भूमि नहीं है वे निवासरत हैं।
सभी ने मकान, बाड़ी, शौचालय, बाउंड्री वाल बनाया है और परिवार के साथ सुरक्षित निवासरत हैं। जीवनयापन कर रहे हैं। ग्रामीणाें ने कहा है कि हम भूमिहीन हैं और यहीं हमने जीवन यापन के लिए मकान निर्माण किया है। इसके अलावा हमारे पास कोई भूमि नहीं है।
शासन की ओर से बगैर किसी सूचना के 17 नवंबर को पुलिस विभाग ने एक बोर्ड लगा दिया है। कलेक्टर से आग्रह किया गया है कि इस पर यदि कार्रवाई हुई तो हम बेघर हो जाएंगे।
ज्ञापन देने वालों में आनंदी एक्का, मीना, विकास, अंजु खत्री, शीतल खत्री, रुक्मणि, योगेंद्र, रंजीत कुमार, संजय कुमार, गणेश कुमार कसेर, शोभनाथ सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामानुजगंज की व्यवस्था सुधारने की खंड चिकित्सा अधिकारी के प्रयासों पर खुद विभाग के कुछ कर्मचारी ही पानी फेरने का काम कर रहे हैं। बीएमओ द्वारा कामकाज में सख्ती बरतने के बाद यहां के कुछ कर्मचारी नाराज हैं। बीएमओ डॉ हेमंत दीक्षित ने पूर्व की सारी व्यवस्था बदलकर सब अपने अनुसार मरीजों के हितों को ध्यान में रखकर कार्य किया।
यही कारण रहा कि कुछ कर्मचारियों के द्वारा खण्ड चिकित्सा अधिकारी को पद से हटाने के लिए चारित्रिक हनन का आरोप लगाते हुए हड़ताल आरंभ कर दी। हड़ताल के पहले दिन ही जांच दल गठित होने के बाद कर्मचारियों ने आंदोलन समाप्त कर दिया।
जानकारी के अनुसार बीएमओ पर जिस महिला के नाम से चारित्रिक हनन का आरोप लगाया गया था वह महिला स्वयं कलेक्टर के कार्यालय में उपस्थित होकर इस आशय का ज्ञापन सौंपा कि दो स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने 10 नवम्बर को घर आकर बीएमओ पर झूठा आरोप लगाने दबाव बनाया और लालच भी दिया ।
कलेक्टर को दिए गए लिखित आवेदन में महिला ने कहा कि वह इस बात से भयभीत एवं मानसिक रूप से परेशान है । यह सारी साजिश खंड चिकित्सा अधिकारी को हटाने के लिए की जा रही है। कलेक्टर बलरामपुर को दिए गए आवेदन में उक्त महिला ने दोनों स्वास्थ कार्यकर्ता के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।