बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त सुरेंद्र शर्मा ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि कालीचरण रावण की तरह साधु बना है। उसे बहुत बड़ा दंड मिलना चाहिए। माडलिंग में फेल होने के बाद कालीचरण ने संत का रूप धारण किया है।
बुधवार को शहर पहुंचे सुरेंद्र शर्मा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए संत कालीचरण में एक के बाद एक शब्दों के कई बाण छोड़े। राजधानी रायपुर में आयोजित धर्मसंसद में संत कालीचरण के महात्मा गांधी को अपशब्द कहने के बाद से सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। इसी कड़ी में अध्यक्ष शर्मा ने दो कदम आगे चलते हुए कहा कि संत कालीचरण आरएसएस का छोड़ा हुआ तीर है।
छत्तीसगढ़ में इस तरह का काला कारनामा नहीं चलेगा। उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। सत्य, अहिंसा और प्रेम का संदेश देने वाले गांधी को गाली देना कालीचरण का काला कारनामा था। सख्त सजा मिलनी चाहिए, ताकि समाज में ऐसे कोई भी महापुरुषों पर अभद्र टिप्पणी करने से बचे। वह रावण की तरह साधु बना और कालनेमी भी साधु बना था।
कांग्रेस का आयोजन नहीं था धर्मसंसद
विभागीय बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए सुरेंद्र शर्मा ने आगे यह भी कहा कि धर्मसंसद का आयोजन कांग्रेस ने नहीं किया। बल्कि नीलकंठ त्रिपाठी सेवा समिति ने धर्मसंसद का आयोजन किया था। हिंदू होने की वजह से हम जैसे लोग पहुंचे थे। यह भी नहीं कह सकते कि भाजपा आयोजक थी। लेकिन, बातचीत से ऐसा लगता है कि कालीचरण आरएसएस का छोड़ा हुआ तीर है।
कृषि योजनाओं को लेकर हुए संतुष्ट
सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि बिलासपुर में कृषि, उद्यानिकी, पशु, मत्स्य, पशु सहित अन्य विभागों की समीक्षा बैठक ली गई। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं पर संतुष्ट हुए। अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए। योजनाओं को सक्रियता से लागू करने व किसानों तक इसे पहुंचाने पर बल दिया। भूमिहीन ग्रामीण कृषि मजदूर, राजीव गांधी न्याय योजना, गोधन न्याय योजना आदि को अमल में लाने को कहा।