
बिलासपुर। सिंधी कॉलोनी के पंचायत भवन के सामने चार अगस्त 2018 को हुए अमित नंदवानी हत्याकांड में शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश गणेश राम पटेल की अदालत ने फैसला सुनाया। मामले में छह आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा हुई है।
गोड़पारा निवासी अमित नंदवानी का अपने मित्रों से विवाद चल रहा था। इस बीच वह एक मामले में जेल गया था। चार अगस्त 2018 को जेल से छूटते ही उनके दोस्तों ने मिलने के लिए बुलाया। अमित रात करीब साढ़े 11 बजे सिंधी कॉलोनी के पंचायत भवन के पास पहुंचा।
वहां आरोपित सन्नी ठारवानी पिता राजकुमार ठारवानी, लखन ढीमर पिता गंगाप्रसाद ढीमर, सुनील तलरेजा पिता लल्ला तलरेजा, सूरज करतारी पिता लालचंद करतारी, सागर ठारवानी पिता स्व. विजय ठारवानी और विशाल ठारवानी पिता स्व. विजय ठारवानी उसका इंतजार कर रहे थे।
आरोतिपों ने लाठी, भुजाली, तलवार और एयर पिस्टल से हमला कर अमित को मौत के घाट उतार दिया था। वारदात के बाद आरोपित फरार हो गए। पुलिस ने सभी आरोपितों को राजनांदगांव में पकड़ा।
उनके खिलाफ अपर सत्र न्यायाधीश गणेश राम पटेल की अदालत में सुनवाई हुई। उन्होंने गवाह और साक्ष्य को देखते हुए सभी आरोपितों को दोषी पाया। सभी को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा आरोपितों पर साढ़े छह हजार का जुर्माना भी देना होगा।
सट्टा और बहन को कमेंट्स करने को लेकर था विवाद
पुलिस के मुताबिक अमित व आरोपित सट्टा के धंधे में लिप्त थे। इसके अलावा अमित और आरोपितों के बीच बहन को कमेंट्स करने को लेकर विवाद भी होता रहता था। धीरे-धीरे इस विवाद ने तूल पकड़ लिया। लेकिन इस दौरान अमित नंदवानी जेल चला गया। उसके जेल से छूटते ही आरोपितों ने बदला देने के लिए बुला लिया और वारदात को अंजाम दिया।
गवाह व परिजन को दी जान से मारने की धमकी
आरोपितों को उम्रकैद की सजा होने के बाद पुलिस उन्हें जेल ले जाने के लिए पहुंच गई। गाड़ी में बैठाने के दौरान आरोपितों ने दबंगई दिखाई और पुलिस के सामने ही मुख्य गवाह के साथ मृतक के परिवार को मारने की धमकी दे डाली।