जंक फूड और स्ट्रेस से युवाओं में बढ़ रहे गंजेपन के मामले
अस्वस्थ खानपान और जंक फूड की आदतें भी बालों के लिए जरूरी पोषण की कमी का कारण बनती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि गंजेपन के शुरुआती लक्षण दिखते ही मेडिकल जांच कराना चाहिए और सही इलाज के साथ उचित आहार लेना भी जरूरी है।
By Manoj Kumar Tiwari
Publish Date: Sat, 31 Aug 2024 10:28:04 AM (IST)
Updated Date: Sat, 31 Aug 2024 10:28:04 AM (IST)
जंक फूड के बढ़ते सेवन से युवाओं में बढ़ता गंजापन (प्रतीकात्मक फोटो) HighLights
- कुछ वर्षों में गंजेपन के मामलों में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी
- 20 से 30 वर्ष के युवा इस समस्या से ज्यादा हो रहे प्रभावित हो रहे
- सिर्फ पुरुषों ही नहीं महिलाओं में भी बढ़ रही गंजेपन की समस्या
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। स्टाइलिश लुक पाने की होड़ में बार-बार हेयर कलरिंग, तनाव और अस्वस्थ खानपान जैसे जंक फूड का बढ़ता सेवन युवाओं में गंजापन का प्रमुख कारण बनता जा रहा है। त्वचा विशेषज्ञों के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में गंजेपन के मामलों में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। खासकर 20 से 30 वर्ष के युवा इस समस्या से ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि जेनेटिक कारणों के अलावा लाइफस्टाइल से जुड़े कई अन्य कारक भी गंजेपन को बढ़ावा दे रहे हैं।
हेयर कलरिंग, तनाव, असंतुलित आहार बड़े कारण
गंजापन का मुख्य कारण बार-बार हेयर कलरिंग, तनाव, असंतुलित आहार और जंक फूड की आदतें हैं। इसके चलते बाल कमजोर होकर झड़ने लगते हैं। अत्यधिक केमिकल्स का इस्तेमाल बालों की जड़ों को नुकसान पहुंचाता है और लगातार तनाव बालों की ग्रोथ को बाधित करता है।
महिलाओं में भी बढ़ रही गंजेपन की समस्या
गंजेपन की समस्या सिर्फ पुरुषों तक सीमित नहीं है इसके मामले महिलाओं में भी तेजी से बढ़ रही है। इसमें मुख्य कारण बार-बार हेयर कलरिंग, हेयर स्ट्रेटनिंग, तनाव, असंतुलित आहार और अनियमित जीवनशैली है। इन कारणों से बाल कमजोर होकर झड़ने लगते हैं, जिससे गंजेपन की समस्या बढ़ती है।
एक्सपर्ट व्यू
गंजेपन के शुरुआती लक्षण दिखते ही मेडिकल जांच करानी चाहिए। बालों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए उचित देखभाल और सही उपचार के साथ-साथ एक संतुलित आहार भी महत्वपूर्ण है। गंजापन युवाओं के आत्मविश्वास पर भी असर डालता है। उचित देखभाल और समय पर इलाज से इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
चर्मरोग विशेषज्ञ डा. आलोक सुल्तानिया