बिलासपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)।Human Trafficking News: उत्कल एक्सप्रेस से मानव तस्करी का मामला सामने आया है। आरपीएफ व जीआरपी की संयुक्त टीम ने झारखंड की दो किशोरियों को काम कराने दिल्ली लेकर जाते एक युवक को गिरफ्तार किया। मामले में जीआरपी ने शून्य में अपराध दर्ज कर संबंधित पुलिस चौकी को भेज दिया है। घटना चार दिन पहले 26 अगस्त की है। जांच-पड़ताल के बाद सोमवार को इसे उजागर किया गया। आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त आर. तिर्की को सूचना मिली कि ट्रेन संख्या 08477 उत्कल एक्सप्रेस से दो किशोरियों को अन्य राज्यों में काम कराने के लिए जबरिया लेकर जा रहे हैं।
इस पर उन्होंने आरपीएफ पोस्ट प्रभारी भास्कर सोनी को मातहत बल सदस्यों के साथ ट्रेन की जांच करने के निर्देश दिए। लेकिन, जब तक टीम पहुंचती ट्रेन बिलासपुर से रवाना हो चुकी थी। लिहाजा घटना की सूचना आगे पेंड्रारोड आरपीएफ पोस्ट को दी गई। आरपीएफ की टीम ने पेंड्रारोड में ट्रेन की जांच की। जांच करते-करते अनूपपुर स्टेशन तक पहुंचे। तब जाकर एस-5 कोच में दोनों किशोरी नजर आईं। पूछताछ में मामला मानव तस्कर से संबंधित होने की आशंका पर दोनों किशोरियों व आरोपित को अनूपपुर स्टेशन में ट्रेन में तैनात अनुरक्षण टीम की मदद से उतारा गया। इसके बाद 15159 सारनाथ एक्सप्रेस से बिलासपुर लाया गया।
यहां आरपीएफ पोस्ट बिलासपुर में बाल अधिकारी व सहायक उप निरीक्षक एफआर यादव द्वारा पूछताछ करने पर किशोरियों ने नाम, पता व स्वजनों के संबंध में जानकारी दी। साथ ही यह भी बयान दिया कि उन्हें झारखंड के जिला सिमडेगा अंतर्गत ग्राम पैतानों निवासी अंतोनी लुगुन पिता मार्टिन लुगुन (32) द्वारा दिल्ली ले जाया जा रहा है।
रेलवे चाइल्ड लाइन बिलासपुर के काउंसलर अल्का फाक को दोनों किशोरियों को सुपुर्द किया गया। फिर उन्हें चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया। समिति की जांच में यह मामला मानव तस्करी व शोषण का होना पाया गया। इसलिए आरोपित के खिलाफ एफआइआर कराने का निर्देश दिया गया। इस पर जीआरपी ने धारा 363 के तहत मामला पंजीबद्ध किया। क्षेत्राधिकार पुलिस चौकी ओडगा जिल सिमडेगा झारखंड का होने के कारण जीआरपी ने आगे की कार्रवाई के लिए मामले को स्थानांतरण कर दिया है।