बिलासपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
चक्रधपुर रेल मंडल के जराईकेला के पास लाइन किनारे बुधवार को हाथी शावक गड्ढे में गिर गया। इससे 15 से 17 की संख्या में हाथियों का झुंड पहुंचा। सभी पटरियों पर खड़े थे। जिसे देखते हुए वन विभाग ने रेलवे ट्रेनों का परिचालन रोकने के लिए कहा गया। विभाग की इस अलर्ट के बाद रात 12 बजे से 3.40 बजे तक ट्रेनों को अलग- अलग स्टेशनों में नियंत्रित कर दिया गया। इसके चलते दूरंतो, आजाद हिंद, मेल समेत आधा दर्जन ट्रेन एक से 11 घंटे लेट पहुंचीं। लेटलतीफी और पहले से ब्लाक के कारण रद ट्रेनों की वजह से दिनभर यात्री हलाकान हुए।
घटना रात 12 बजे से पहले की है। यह क्षेत्र हाथी प्रभावित है। पटरी से कुछ दूर शावक गड्ढे में गिर गया। शावक को इस हाल में देखकर हाथियों का झुंड आसपास खड़ा हो गया। इसकी सूचना वनकर्मियों ने वन विभाग के आला अफसरों को दी। जिस स्थिति में वे पटरियों पर थे और यदि ट्रेन चलती तो हाथियों की जान भी जा सकती थी। इसलिए विभाग ने समय रहते रेल प्रशासन को सचेत कर दिया। लिहाजा रेलवे को ट्रेनें रोकनी पड़ी। रात 3.45 बजे के बाद झुंड पटरी से हटा। इसके बाद स्थिति सामान्य हुई। ट्रेनें समय पर नहीं चलने के कारण बिलासपुर समेत पहले के सभी स्टेशनों में ट्रेनों घंटों विलंब से पहुंची। शाम 5.35 बजे पहुंचने वाली हावड़ा- सीएसटीएम दूरंतो 11 घंटे 20 मिनट की देरी से चल रही है। यह ट्रेन सुबह चार बजे के करीब बिलासपुर पहुंची। इसी तरह हावड़ा- पुणे आजाद हिंद एक्सप्रेस चार घंटे, हावड़ा- मुंबई ज्ञानेश्वरी सुपरडीलक्स चार घंटे, पुरी-इंदौर हमसफर एक्सप्रेस एक घंटे, हावड़ा- मुंबई मेल एक्सप्रेस पांच घंटे, हावड़ा- अहमदाबाद एक्सप्रेस तीन घंटे देरी से पहुंचीं। सीएसटीएम से हावड़ा जाने वाली ट्रेन सात घंटे 20 मिनट विलंब से पहुंची। इसके लिए बिलासपुर पहुंचने का समय सुबह 9.55 बजे है। हावड़ा की ओर जाने वाली ट्रेनें भी बीच रास्ते में फंसी रही। इनमें सीएसटीएम- हावड़ा एक्स्प्रेस, सीएमटीएम- हावड़ा मेल एक्सप्रेस, एलटीटी- हावड़ा एक्सप्रेस, सांतरागाछी- दरभंगा एक्सप्रेस शामिल है। लेटलतीफी के साथ- साथ कटनी खंड व हावड़ा खंड पर ब्लाक के कारण एक दर्जन से अधिक ट्रेनों को रद रखा गया। इसके चलते भी यात्री दिनभर वैकल्पिक ट्रेन की जानकारी के लिए इधर- उधर भटकते रहे। गुरुवार को बिलासपुर- गेवरारोड, गेवरारोड- बिलासपुर, झारसुगुड़ा- गोंदिया, गोंदिया- झारसुगुड़ा पैसेंजर, रायपुर- गेवरारोड, बिलासपुर - रायगढ़, रायगढ़- बिलासपुर, बिलासपुर- पेंड्रारोड, बिलासपुर- भोपाल पैसेंजर, बिलासपुर- रीवा पैसेंजर, एलटीटी- टाटा अंत्योदय एक्सप्रेस ट्रेन नहीं चलीं। रद ट्रेनों में ज्यादातर पैसेंजर या लोकल हैं। इसलिए यात्रियों को अधिक परेशानी हो रही है। क्योंकि छोटे - छोटे स्टेशनों तक पहुंचने के बाद इन ट्रेनों के अलावा कोई वैकल्पिक सुविधा नहीं है। आधे से ज्यादा यात्रियों ने सफर रद कर दी।
आंदोलन, बीकानेर समेत दो ट्रेन रद
ब्लाक व लेटलतीफी के साथ उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर रेल मंडल के अंतर्गत सवाई माधोपुर रेलखंड पर गुर्जर आंदोलन चल रहा है। इसके चलते भी तीन ट्रेनों को अचानक रद कर दिया गया। गुरुवार को बिलासपुर से छूटने वाली 18245 बिलासपुर- बीकानेर एक्सप्रेस नहीं चलने से यात्री हलाकान हुए। वहीं विशाखापत्तनम- भगत की कोठी एक्सप्रेस भी रद रही।
रिफंड से रेलवे को नुकसान
ट्रेनों के रद होने के कारण यात्रियों को रेलवे पूरा रिफंड दे रही है। इसके चलते उनका भारी नुकसान हो रहा है। नौ फरवरी को 284 टिकट रद हुए। इसमें 130570 रुपये रिफंड करना पड़ा। इसी तरह 10 फरवरी को 239410 रुपये, 11 फरवरी को 438865 रुपये, 12 फरवरी को 451160 रुपये और 13 फरवरी को 207900 रुपये रिफंड किया गया। इन पांच दिनों में उसलापुर आरक्षण से दो लाख 80 हजार रुपये रिफंड दिया गया।