नईदुनिया, बिलासपुर (IRCTC Food Service)। देश के सबसे प्रतिष्ठित ट्रेनों में से एक हावड़ा-पुणे दूरंतो एक्सप्रेस में गुरुवार की रात बासी भोजन परोसे जाने से यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा। टाटानगर स्टेशन पर परोसे गए इस भोजन ने 10 यात्रियों को फूड पाइजनिंग का शिकार बना दिया। इससे उनकी तबीयत बिगड़ गई।
शिकायतों के बाद भी चिकित्सकीय सहायता नहीं मिलने और रेलवे प्रशासन की चुप्पी से नाराज यात्रियों ने रात 12:05 बजे बिलासपुर स्टेशन पर ट्रेन रोक दी। दो घंटे तक चले इस हंगामे में यात्रियों ने रेलवे की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई।यात्रियों का कहना था कि खाना बासी था।
उल्टी और बेचैनी महसूस करने के बाद जब टीटीई के माध्यम से मदद के लिए रेलवे प्रशासन को सूचित किया गया, तो न तो चिकित्सक पहुंचे और न ही कोई ठोस जवाब मिला। ट्रेन में मौजूद टीटीई और अन्य रेलवे कर्मचारियों ने स्थिति संभालने की कोशिश की। फिर भी यात्रियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ।
1400 यात्रियों के लिए तैयार भोजन की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए यात्रियों ने रेल प्रबंधन का दोष बताया। कहा कि, देश की प्रमुख ट्रेनों में यह हाल है तो अन्य जगहों पर क्या स्थिति होगी?
रात 12 बजे के बाद जब ट्रेन को रोका गया। तब टीटीई, आरपीएफ और स्टेशन मास्टर ने हालात संभालने की कोशिश की। लेकिन विडंबना यह कि रेल प्रशासन ने यात्रियों की कोई भी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। यात्रियों की शिकायत के बाद भी चिकित्सा सुविधा नहीं मिली। एक भी डाक्टर नहीं आए। ---
ट्रेन नंबर 12222 दूरंतो एक्सप्रेस में हुई इस घटना के बाद रेलवे की छवि पर दाग लगा है। यात्री लगातार मांग कर रहे थे कि, उन्हें तत्काल चिकित्सा सुविधा मिले किंतु ऐसा नहीं हुआ। खान-पान की जांच तक नहीं की गई। दोषियों पर कार्रवाई तो दूर किसी तरह की सुरक्षा गारंटी तक नहीं मिली।
खाने की शिकायत मिली थी, उसी के लिए बिलासपुर स्टेशन पर वैकल्पिक खाना उपलब्ध कराया गया।
- डा.सुस्कर विपुल विलाश राव मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर