बिलासपुर । किसानों के साथ ही भूमि स्वामियों को अब पटवारी कार्यालय का चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी। केंद्र सरकार ने नक्शा खसरा सहित अन्य दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध कराने का फरमान जारी किया है। केंद्र के निर्देश पर प्रदेश में काम प्रारंभ हो गया है। नक्शा व खसरा को ऑनलाइन अपलोड किया जा रहा है। केंद्र की इस नई व्यवस्था से जिले के पांच लाख 14 हजार 161 किसानों को सीधेतौर पर राहत मिलेगी ।
केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य शासन ने भूइंया को अपडेट कर दिया है । भूइंया साफ्टवेयर को अपडेट कर जिलेवार राजस्व दस्तावेजों को इसमें अपलोड करने का काम किया जा रहा है। इसमें भूमि स्वामियों के नाम,खसरा नंबर व नक्शा अपलोड करने के अलावा आवासीय,व्यावसायिक व कृषि भूमि का अलग से उल्लेख किया जा रहा है।
अब तक की व्यवस्था पर नजर डालें तो एक डिसमिल से लेकर 100 एकड़ जमीन के राजस्व दस्तावेज के लिए पटवारी कार्यालय जाना पड़ता था। पटवारी से ही ये दस्तावेज उपलब्ध कराए जाते रहे हैं । दस्तावेजों के अलावा जमीन के दस्तावेजों का नकल भी सत्यप्रतिलिपि के जरिए जारी करने का अधिकार भू राजस्व संहिता में पटवारी को दिया गया है।
इस व्यवस्था में वर्षों बाद अब जाकर बदलाव हो रहा है। राजस्व दस्तावेजों में पटवारियों के डिजिटल हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं । डिजीटल हस्ताक्षर को केंद्र सरकार ने कानूनी मान्यता दे दी है। डिजीटल हस्ताक्षर से संबंधित राजस्व दस्तावेजों को साफ्टवेयर में अपलोड किया जा रहा है।
पटवारी के डिजीटल हस्ताक्षर वाले दस्तावेजों को अपलोड करने के बाद ऑनलाइन सिस्टम प्रारंभ हो जाएगा। मसलन किसी भूमि स्वामी को अपने किसी खसरा नंबर के जमीन का दस्तावेज चाहिए तो शासन द्वारा निर्धारित वेबसाइट में जाना होगा।
वेबसाइट ऑन होते ही निर्धारित जानकारी मांगी जाएगी । इसमें दिए गए कॉलम में जानकारी टाइप करनी होगी। जिस खसरा नंबर के दस्तावेज की जरुरत है उसका खसरा नंबर लिखना होगा। इसके बाद इसे सेंड करना होगा। इसमें मोबाइल नंबर भी लिखना जरुरी है।
उसी मोबाइल नंबर की जानकारी देनी होगी जिसे पटवारी के द्वारा रजिस्टर्ड कराया गया है। वेबसाइट में संबंधित जानकारी सेंड करने के बाद उसी मोबाइल नंबर पर ऑनलाइन राजस्व दस्तावेज को वेबसाइट के मार्फत पोस्ट कर दिया जाएगा।
मोबाइल के स्क्रीन को ऑन करने पर संबंधित दस्तावेज नजर आने लगेगा। इसे प्रिंट के जरिए निकाला जा सकता है। यह दस्तावेज मान्य होगा। केंद्र सरकार ने इसे कानूनी मान्यता दे दी है।