ठंड कर सकता है बीमार, सर्दी-जुकाम व खांसी की दिक्कत से बचना है तो करें ये घरेलू उपचार
शीत ऋतु के शुरुवाती दिनों को बीमारियों का भी मौसम कहा जाता हैं, इसमे मौसमी बीमारी, निमोनिया, आस्थमा के साथ ही अन्य तरह की संक्रामक बीमारी बहुत तेज गति से फैलती है, कई स्थानों में एक साथ दर्जनों बीमार पड़ जाते हैं, शहर का कोई क्षेत्र विशेष या फिर पूरा गांव का गांव चपेट में आ जाता हैं।
By Atul Vasing
Publish Date: Sun, 24 Nov 2024 11:02:40 AM (IST)
Updated Date: Sun, 24 Nov 2024 11:02:40 AM (IST)
HighLights
- शीत ऋतु के मौजूदा ठंड का मौसम संक्रमित बीमारियों को बढ़ाने वाला है।
- मौसमी बीमारी के साथ अन्य प्रकार की संक्रमित बीमारी बढ़ने की प्रबल आशंका।
- क्षेत्र के चिकित्सक, नर्सिंग व चिकित्सा स्टाफ को मुख्यालय न छोड़ने का फरमान ।
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। मौजूदा ठंड का मौसम संक्रमित बीमारियों को बढ़ाने वाला है। इस मौसम में मौसमी बीमारी के साथ अन्य प्रकार की संक्रमित बीमारी बढ़ने की प्रबल आशंका है।
इन बातों को ध्यान में रखते हुए सीएमएचओ डाक्टर अनिल श्रीवास्तव ने फरमान जारी किया है कि स्वास्थ्य विभाग का कोई भी चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और अन्य चिकित्सीय स्टाफ बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ सकेगा और आपातकाल के लिए 24 घंटे तैयार होना होगा।
बिना अनुमति मुख्यायल नहीं छोड़ सकेंगे
आने वाले दिनों में इस तरह की बीमारी फैलने की प्रबल आशंका बनी हुई है। वही अब इन बातों को ध्यान में लेते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड मे आ गया है और इन बीमारियों से लड़ने के कार्य में जुट गया है।
इसी के तहत जिला अस्पताल, शहरी स्वास्थ्य केंद, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र के साथ अन्य सरकारी अस्पताल में काम कर रहे चिकित्सा स्टाफ को साफ कर दिया गया है कि वे इन दिनों बिना अनुमति मुख्यायल नहीं छोड़ सकेंगे और जिस केंद्र में पदस्त है, वहां समय से काम करते हुए 24 घंटे अलर्ट रहना होगा, ताकि यदि किसी तरह की संक्रमण बीमारी फैली तो उस तत्काल लगाम लगाया जा सके।
हर केंद्र में होना चाहिए जीवनरक्षक दवा
सीएमएचओ डाक्टर अनिल श्रीवास्तव ने यह भी साफ किया है कि जो भी स्टाफ निर्देश को मानते हुए नहीं मिलेगा, उस पर कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा डाक्टर श्रीवास्तव ने सभी अस्पताल में सामान्य के साथ जीवनरक्षक दवाओं का स्टाक रखने का निर्देश दिया है
बच्चों और बुजुर्ग के लिए यह मौसम संवेदनशील
वैसे तो ठंड की मार सभी उम्र के लोगों को पड़ती है, जरा सी लापरवाही इस ठंड भरे मौसम को किसी को भी बीमार बना सकता है। लेकिन इन सब के बाद भी यह मौसम बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद संवेदनशील होते है। इस मौसम में इनका विशेष ख्याल रखना बेहद जरूरी है।
ठंड से बचने बरते ये सावधानी
- गर्म पानी का सेवन करना इस मौसम में बेहतर होगा।
- गर्म कपड़े पहने, बच्चों व बुजुर्ग को मोजा पहनाने के साथ कान भी ढ़के।
- शाम होते ही घर के खिड़की दरवाजे बंद कर दे।
- गर्म भोजन का सेवन करे।
- गर्म पेय पदार्थ का सेवन करे।
- गर्म पानी से स्नान करे।
- हर रोज कम से कम आधे घंटे तक धूप में बैठे।
- ठंड बढ़ने पर पंखे का उपयोग न करे।
- हल्की सर्दी होने पर भाप ले।
- सर्दी, बुखार, खांसी, नाक बहने की समस्या हो तो चिकित्सक से संपर्क करे।
करें बचाव
- सुबह-शाम पर्याप्त गरम कपड़े पहनें
- गुनगुने गरम पानी का सेवन करें
- फ्रीज में रखे पानी या सामान का सेवन बिल्कुल न करें
- बाहर का कुछ न खाएं-पीएं
- धूल व गर्दे से बचकर रहें
- सुबह ठंड कम होने पर ही टहलने जाएं
इस सप्ताह ठंड पर लगेगी हल्की ब्रेक, रात कंपाएगी
सर्द हवाओं ने वातावरण में ठिठुरन बढ़ा दी है। बिलासपुर सहित वनांचल क्षेत्र में शीतलहर का प्रकोप महसूस हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर भारत से आ रही सर्द हवाओं ने तापमान में गिरावट दर्ज की है। हालांकि अगले दो दिनों में हवा की दिशा बदलने से ठंड का असर कुछ कम होने की संभावना है। दिन और रात के तापमान में हल्की वृद्धि हो सकती है।
मौसम विभाग का अनुमान
24 से 30 नवंबर के बीच न्यूनतम तापमान 14-16 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। ठंड में कमी का संकेत है। लेकिन सुबह और रात को ठिठुरन बनी रहेगी। सर्द हवाओं से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें। गुनगुना पानी पिएं और सुबह-शाम ठंड में बाहर निकलने से बचें। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से गर्म रखने की सलाह दी गई है।-
मौसमवाणी
तिथि मौसम
- 24 नवंबर ठंड का असर बना रहेगा
- 25 नवंबर आसमान में हल्के बादल
- 26 नवंबर ठंड में कमी आएगी
- 27 नवंबर तापमान में कुछ वृद्धि होगी
- 28 नवंबर हवा की दिशा फिर बदलेगी
- 29 नवंबर रात में ठंड बढ़ने लगेगी
- 30 नवंबर ठंड का असर बना रहेगा