बिलासपुर। Chhattisgarh High Court News: झीरम घाटी हत्याकांड में दरभा थाने में दर्ज आपराधिक प्रकरण को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब के लिए केंद्र सरकार ने फिर से समय मांगा। इस पर कोर्ट ने प्रकरण की सुनवाई 15 सितंबर तक टाल दी है। इस दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआइए) व राज्य शासन के क्षेत्राधिकार पर बहस होगी। कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के दौरान झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला कर दिया गया था।
इस हमले में 30 से अधिक कांग्रेस नेताओं व पुलिस के जवानों की मौत हो गई थी। झीरम कांड में दिवंगत कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक उदय मुदलियार के पुत्र जितेंद्र मुदलियार ने जून 2020 में दरभा थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई है। उनकी रिपोर्ट पर पुलिस ने धारा 302 और 120 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है। उनका कहना है कि एनआइए ने इस घटना में राजनीतिक षड्यंत्र की जांच नहीं की है। दरभा थाने में दर्ज रिपोर्ट को चुनौती देते हुए एनआइए ने अपनी विशेष अदालत में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया।
इस फैसले के खिलाफ एनआइए ने हाई कोर्ट में आपराधिक अपील प्रस्तुत की है। इसमें कहा गया है कि एनआइए केंद्रीय स्तर की जांच एजेंसी है, जिसकी जांच हो चुकी है। ऐसे में राज्य शासन को अधिकार नहीं है कि फिर से उसी प्रकरण में अपराध दर्ज कराई जाए। इस मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने पुलिस द्वारा आपराधिक प्रकरण की जांच पर रोक लगाई है। इधर इस मामले में जितेंद्र मुदलियार ने हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है। इसमें बताया है कि झीरम हमला सामान्य नक्सली घटना नहीं है। बल्कि इसे राजनीतिक षड्यंत्र के तहत अंजाम दिया गया है।
मामले में दिल्ली से असिस्टेंट सालिसिटर विक्रमजीत बनर्जी को केंद्र सरकार की तरफ से जवाब देना है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के असिस्टेंट सालिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा ने दिल्ली से असिस्टेंट सालिसिटर के जवाब प्रस्तुत करेंगे। इसके लिए समय मांगा। इसके चलते कोर्ट ने मामले को 15 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है। मामले में हस्तक्षेप याचिकाकर्ता की तरफ से संदीप दुबे, सुदीप श्रीवास्तव पैरवी कर रहे हैं।