बिलासपुर। Bilaspur News: कोरोना काल में कंप्यूटर सेंटर पर पड़े प्रभाव के बाद सेंटर के संचालक ने शेयर मार्केटिंग के क्षेत्र में कदम रखा। शेयर मार्केट में पैर जमाने का अवसर मिला ही था कि कथित ट्रेड 24 रिसर्च मुंबई से आए एक फोन ने ट्रेड मार्केटिंग का ऐसा सपना दिखाया कि कंप्यूटर सेंटर का संचालक इनके झांसे में आकर मात्र नौ दिनों में सात लाख 64 हजार 179 रुपये की ठगी का शिकार हो गया।
इसके एवज में एक भी रुपये हासिल नहीं हुए। छह ट्रेड पूरा होने के बाद खाते में लाभांश की राशि अंतरित करने और आगामी छह ट्रेड तक लाखों रुपये की आमदनी का झांसा देकर ट्रेड 24 रिसर्च के कथित सीनियर अधिकारी ने पांच लाख 55 हजार रुपये की और व्यवस्था करके रखने के लिए कहा, ताकि उनका ट्रेडिंग कारोबार नियमित रहे। मोबाइल में स्क्रीन शाट भेजकर दिखाए जा रहे लाखों के लाभांश के इस खेल के बीच ठगी का यह नया तरीका सामने आया है।
ठगी की यह रकम सिर्फ ट्रेडिंग के कथित लाभांश की रकम के एवज में 24.75 प्रतिशत जीएसटी की राशि भुगतान के नाम पर वसूली गई है। ठगों ने कथित कंपनी के कर्मचारियों के खाते में रकम यह कहकर डलवाया कि करोड़ों का लेनदेन रोजाना होता है, इसलिए वे अन्य खातों का उपयोग करते हैं।
कलेक्टर बंगला के पीछे, प्रतापपुर रोड में रहने वाले अखिलेश कांत सोनी पिता स्व. विष्णु प्रसाद सोनी (50) ने बताया कि एक दिसंबर 2020 को उनके पास स्नेहा नाम की एक लड़की का फोन आया। उसने शेयर मार्केटिंग में ट्रेडिंग की जानकारी देते हुए कहा कि ट्रेड 24 रिसर्च मुंबई के द्वारा एलगो ट्रेडिंग कराया जाता है, इसमें अच्छा मुनाफा मिलता है। महिला ने एलगो ट्रेडिंग के बारे में कई ऐसी जानकारी दी जिससे वह उसके झांसे में आ गया।
महिला के आग्रह पर ट्रेड 24 के सीनियर अधिकारी आदित्य कश्यप से बात करने पर उन्होंने बताया कि न्यूनतम 13 हजार रुपये से इस काम को चालू किया जा सकता है। उनके द्वारा सॉफ्टवेयर के द्वारा शेयर ट्रेडिंग के संचालन की जानकारी दी, जिसका संबंध सिंगापुर से होना बताया गया।
इसके साथ ही कई ग्रुप में ट्रेडिंग का झांसा दिया गया और कुल 12 ट्रेडिंग करने कहा गया। बताया गया कि छह ट्रेडिंग पूरा होने के बाद मुनाफा की राशि एकमुश्त खाते में आ जाएगी। इस बीच ट्रेडिंग के मुनाफे का 24.75 प्रतिशत जीएसटी भुगतान उन्हें नियमित करना होगा, जिसमें ब्रोकरेज चार्ज, कंपनी चार्ज शामिल होना बताया गया। प्राफिट की जानकारी लेने पर कम से कम चार से पांच लाख का मुनाफा 12 ट्रेडिंग में होने की जानकारी दी गई और छह ट्रेडिंग पूरा होने पर सिंगापुर से रकम उनके खाते में ट्रांसफर होना बताया गया था।
इसके बाद उन्होंने अपना आधार कार्ड, बैंक अकाउंट डिटेल भेजा था। इधर ट्रेड 24 के द्वारा एक बैंक खाते का नम्बर भेजा गया, जो नयनदीप सिंह पनवार के नाम था। बैंक खाते का आईएफएससी कोड इंदौर का बताने पर जब उन्होंने व्यक्तिगत खाता होने की बात कहते हुए कंपनी के खाते का नंबर मांगा, तो कंपनी के खाते में करोड़ों रुपये का लेनदेन होने के कारण आने वाली दिक्कत को आड़े लेकर किसी प्रकार का दिक्कत नहीं होने की बात कही गई। इसके बाद उन्होंने दो दिसंबर 2020 को 13 हजार रुपये आनलाइन उक्त खाते में ट्रांसफर कर दिया था।
ऐसे हुई ठगी की शुरुआत
ट्रेड 24 में 13 हजार रुपये भेजने के बाद ट्रेडिंग कारोबार के नाम पर लाभांश का खेल शुरू हुआ। भेजी गई रकम को कथित रूप से साफ्टवेयर में ट्रेड किया गया था। उसका स्क्रीन शाट भेजकर बताया गया कि पहली बार में उन्हें 53 हजार 233 रुपये का फायदा हुआ है। इसका जीएसटी चार्ज 13 हजार 715 रुपये तत्काल भेजने कहा गया। लाभांश देखकर पहली नजर में संतुष्ट हुए अखिलेश कांत ने जीएसटी की राशि नयनदीप सिंह पनवार के खाते में भेज दी।
चार दिसंबर को सेकंड ट्रेड का स्क्रीन शाट भेजकर दो लाख तीन हजार 777 रुपये का लाभांश दिखाया गया, इसका जीएसटी राशि 50 हजार 434 रुपये भेजने के लिए कहा गया, जिसे उन्होंने निफ्ट, ऑनलाइन और एक्सिस बैंक के खाते से क्रमशः 15 हजार 435 रुपये, 15 हजार और 20 हजार रुपये नयनदीप के खाते में भेज दिया। सात दिसंबर को तीसरे ट्रेन का स्क्रीन शाट भेज कर पांच लाख 35 हजार 710 रुपयेका लाभ होने की जानकारी दी गई और जीएसटी की रकम एक लाख 32 हजार 588 रुपये भेजने कहा गया।
उक्त रकम ज्यादा होने पर उन्होंने जब यह कहा इतना प्रॉफिट उन्हें नहीं चाहिए, तो सॉफ्टवेयर में अपलोड जानकारी का हवाला देकर छह ट्रेड तक जीएसटी की रकम भेजने के लिए एक अलग अकाउंट नंबर दिया गया जो अनिता ओझा के नाम का था। एकाउंट नंबर बदलने के पीछे तर्क यह दिया गया कि पहले वाले अकाउंट में ज्यादा रकम ट्रांसफर हुआ है।
सात फरवरी को अनीता के खाते में उक्त राशि ट्रांसफर करने के बाद जब अखिलेश ने ट्रेड 24 के सीनियर आदित्य से बात की और पूछा गया कि शेष तीन ट्रेड में कितना और भुगतान करना होगा तो कम से कम पांच लाख 55 हजार रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था करके रखने के लिए कहा गया, साथ ही झांसा दिया गया कि 40 प्रतिशत जीएसटी की राशि को कंपनी के द्वारा एडजेस्ट किया जाएगा।
नौ दिसंबर को चौथे रेड का स्क्रीन शाट आठ लाख 77 हजार 500 रुपये लाभ का भेजा गया और बढ़ते क्रम में लाभांश की रकम से 24.75 प्रतिशत जीएसटी की राशि तत्काल भेजने कहा गया।