बिलासपुर। Bilaspur News: पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी का अंतिम संस्कार ईसाई रीति रिवाज से गौरेला स्थित ग्रेवी यार्ड में किया गया था। मंगलवार को उनके परिजनों ने कलश यात्रा निकाली। बताया जा रहा है कि कलश में कब्र की मिट्टी रखी गई है। कलश यात्रा में स्व जोगी की पत्नी व कोटा की विधायक डॉ.रेणु जोगी,पुत्र अमित जोगी,लोरमी के विधायक धर्मजीत सिंह,स्व जोगी के विधायक प्रतिनिधि ज्ञानेंद्र उपाध्याय सहित समर्थक शामिल हुए। मंगलवार दो जून को परिजनों व करीबियों की मौजूदगी में दोपहर 12 बजे गौरेला स्थित ग्रेवी यार्ड से स्व जोगी की कलश यात्रा निकली। यात्रा जलेश्वर मार्ग होते हुए अमरकंटक रामघाट,अरंडी संगम नर्मदा नदी से सोनमुड़ा सोननदी से केवची होकर अचानकमार माटीनाला से वापस केवची से पीढ़ा तक गई। यात्रा के दौरान माहौल पूरी तरह गमगीन था। परिजनों के साथ ही समर्थकों और जोगी परिवार के करीबियों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई थी। अमरकंटक अरंडी संगम में अमित जोगी ने पिंडदान किया। इसके बाद संगम में परिजनों और करीबियों की मौजूदगी में मिट्टी प्रवाहित की गई। संगम के अलावा सोनमुड़ा,अचानकमार और पीढ़ा में भी मिट्टी प्रवाहित की गई ।
वसीयत में जताई थी इच्छा
स्व. जोगी के विधायक प्रतिनिधि ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने बताया कि स्व. जोगी ने वसीयत में इच्छा जताई थी कि कब्र से मिट्टी लेकर नर्मदा अरंडी संगम के अलावा सोनमुड़ा,अचानकमार और पीढ़ा में मिट्टी प्रवाहित की जाए। उनकी इच्छा के अनुसार कलश यात्रा निकाली गई।
आठ को जोगीसार में होगा दशगात्र का कार्यक्रम
आठ जून को स्व. जोगी के पैतृक ग्राम जोगीसार में आदिवासी समाज के लोगों को जमावड़ा रहेगा। इस दिन स्व. जोगी का दशगात्र कार्यक्रम होगा। इसी कार्यक्रम में परिवार के सदस्य व समाज के लोगों का जुड़ाव होगा। परिवार के सदस्यों के साथ ही समर्थक भी तैयारी में जुट गए हैं। इस दौरान भोज कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा। स्व. जोगी का अंतिम संस्कार ईसाई रीति रिवाज से करने के बाद निकाली गई कलश यात्रा के पीछे राजनीतिक निहितार्थ भी बताए जा रहे हैं। हालांकि समर्थक और करीबी कलश यात्रा को स्व जोगी द्वारा वसीयत में जताई इच्छा के अनुसार करना बताया जा रहा है।