बिलासपुर। Bilaspur Health News: एक माह तक खांसी की समस्या दूर नहीं होने पर दो साल के मासूम को लेकर स्वजन सिम्स पहुंचे। यहां जांच में पता चला कि उसकी सांस नली में मूंगफली का दाना फंसा हुआ है। तब तक उसकी हालत गंभीर हो गई थी। ऐसे में डाक्टरों ने आपरेशन कर उसकी सांस नली से मूंगफली का दाना बाहर निकाला। अब बालक पूरी तरह सुरक्षित है।
पेंड्रा क्षेत्र के ग्राम धनी निवासी दो वर्षीय गोपाल उर्फ अंकित सिंह को एक महीने पहले अचानक खांसी की समस्या होने लगी। स्वजन ने उसे स्थानीय डाक्टरों को दिखाया। दवा लेने के बाद भी उसकी परेशानी दूर नहीं हुई। इधर धीरे-धीरे गोपाल की खांसी काफी बढ़ गई। इससे उसे भोजन करने में भी दिक्कत होने लगी। इस पर माता-पिता उसे लेकर दो मई को लेकर सिम्स पहुंचे।
जहां उसकी जांच शिशु रोग विभाग में कराई गई। गंभीर हालत को देखते हुए गोपाल को भर्ती कर इलाज श्ाुरू किया गया। तीन दिन बाद भी उसकी स्थिति में सुधार नहीं आया। तब शिशु रोग विभाग प्रमुख डा. राकेश नहरेल, डा. विभूषण, डा. स्वेता मित्तल, डा. प्रतीक मित्तल ने फिर से उसकी जांच की। समस्या का पता नहीं चलने पर नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ डा. आरती पांडेय से सलाह ली गई।
इसके बाद बालक की ब्रोंकोस्कोपी जांच कराई गई। इसमंे पता चला कि बच्चे की सांस नली में मूंगफली का एक दाना फंसा हुआ है। इसी वजह से बच्चे को खांसी आ रही है और धीरे-धीरे उसकी स्थिति गंभीर हो रही है। इसके बाद सात मई को बच्चे की सर्जरी कर सांस नली से मंूगफली का दाना निकाला गया। अब गोपाल पूरी तरह से स्वस्थ है।
सीटी स्केन से लेकर कोरोना जांच कराई
सिम्स में इलाज के दौरान भी बालक को खांसी और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इसलिए डाक्टरों ने उनका कोविड टेस्ट करवाया। इसके बाद सीटी स्केन भी कराई गई। दोनों जांच से उसकी समस्या का पता नहीं चल पाया। इससे डाक्टर उलझन में फंस गए थे।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे आपरेशन
सिम्स पहले भी कई बार जटिल आपरेशन कर मरीज की जान बचाई जा चुकी है। सिम्स के वरिष्ठ व जूनियर डाक्टरों की टीम कम संसाधन में भी बेहतर कार्य का प्रयास कर रही है। इसका फायदा खास तौर से गरीब वर्ग के लोगों को मिलता है।