बीजापुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में मंगलवार को पांच नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिसमें एक महिला नक्सली भी शामिल है जिस पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों में सुशीला उर्फ बुज्जी उर्फ विमला हेमला, सुखराम मोड़ियाम, सुददू कोरसा, लक्कू फरसा, और सन्नू माड़वी शामिल हैं। ये सभी लंबे समय से हत्या, पुलिस पर हमले, स्पाइक होल्स लगाने, सड़कों को खोदने और आईईडी जैसे घातक हथियारों का उपयोग करने जैसी गंभीर आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं।
आत्मसमर्पण के दौरान उपस्थित पुलिस अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास और आत्मसमर्पण नीति तथा ‘नियद नेल्लानार योजना’ से प्रेरित होकर इन नक्सलियों ने हथियार डालने का निर्णय लिया है।
पुलिस के मुताबिक, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली गढ़चिरौली डिवीजन के अहेरी एरिया कमेटी और पश्चिम बस्तर डिवीजन पार्टी से जुड़े हुए थे। इनमें से कुछ नक्सली, बंदेपारा आरपीसी मिलिशिया के प्लाटून ए सेक्शन कमांडर और बोड़लापुसनार जीआरडी कमांडर के पद पर कार्यरत थे।
आत्मसमर्पण के इस कार्यक्रम में उप पुलिस महानिरीक्षक केरिपु ऑप्स बीजापुर देवेन्द्र सिंह नेगी, पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ. जितेन्द्र कुमार यादव, डिप्टी कमांडेंट 222वीं वाहिनी केरिपु सुबोध कुमार, कमांडेंट 202 कोबरा अमित कुमार, कमांडेंट 241वीं वाहिनी केरिपु हरविन्दर सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऑप्स दिनेश सिन्हा, और उप पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स बीजापुर सुदीप सरकार उपस्थित रहे।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने बताया कि वे नक्सली संगठन में व्याप्त भेदभाव, उपेक्षा और आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों से परेशान होकर सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित हुए और मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। उनका कहना था कि नक्सली संगठन में हर स्तर पर भेदभाव और अन्याय का सामना करना पड़ता है, जिससे उन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़कर एक शांतिपूर्ण जीवन जीने का निर्णय लिया।
सुकमा पुलिस को भेज्जी और जगरगुंडा थाना क्षेत्र में अलग-अलग मामलों में एक-एक लाख के तीन इनामी सहित 19 नक्सलियों को पकड़ने में सफलता मिली है। पुलिस ने 14 नक्सलियों को विस्फोटक सामग्री के साथ गिरफ्तार किया है। पूछताछ के बाद सभी आरोपितों को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि सीआपीएफ 150, कोबरा 201, जिला बल और डीआरजी के जवान भेजी थाना क्षेत्र के भंडारपदर इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर सर्चिंग अभियान पर गए थे। भंडारपदर के जंगलों में पहुंचने पर कुछ संदिग्ध लोग जवानों को देखकर भागने और छिपने का प्रयास करने लगे।
जवानों ने घेराबंदी कर पांच लोगों को पकड़ा, जिनकी पहचान वंजाम आयता, पोड़ियाम कोसा, सोड़ी आयता और पोड़ियाम पोज्जा के रूप में की गई। ये सभी जनमिलिशिया के सदस्य हैं और सितंबर माह में ओयामी पांडू की हत्या के मामले में शामिल बताए गए हैं।