भिलाई। भिलाई के कुख्यात अपराधी और 35 हजार रुपये के इनामी अमित जोश उर्फ मोरिस को शुक्रवार की शाम पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। घटना जयंती स्टेडियम के पीछे हुई, जहां पुलिस की टीम को देखते ही अमित ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं, जिसमें अमित की मौत हो गई। एनकाउंटर के बाद एसपी जितेंद्र शुक्ला समेत भारी पुलिस बल मौके पर तैनात रहा और फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य एकत्र किए।
अमित जोश, भिलाई के सेक्टर-6 का निवासी था और इलाके में कुख्यात गुंडा माना जाता था। उसके खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में 36 संगीन मामले दर्ज थे, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, और लूट जैसी गंभीर वारदातें शामिल थीं।
बीते 25 जून की रात को उसने विश्रामपुर इलाके में सुनील यादव (30) और आदित्य सिंह (24) पर गोली चलाई थी, हालांकि दोनों युवकों की जान बच गई थी। इस घटना में शामिल उसके तीन साथी यशवंत नायडू, सागर बाघ उर्फ डागी, और अंकुर शर्मा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था, जबकि अमित फरार था।
सूचना के अनुसार, अमित जोश दो दिन पहले ही भिलाई लौटा था। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी। शुक्रवार की शाम करीब पांच बजे जयंती स्टेडियम के पास पुलिस को अमित नजर आया। वह अपने एक साथी के साथ बाइक पर सवार था।
पुलिस को देखते ही अमित ने पांच से छह राउंड फायरिंग की, जिससे मौके पर मौजूद क्राइम डीएसपी हेमप्रकाश नायक और एसीसीयू प्रभारी तापेश्वर सिंह नेताम बाल-बाल बच गए। अमित का साथी मौके से फरार हो गया, लेकिन पुलिस ने जवाबी फायरिंग में अमित को ढेर कर दिया।
"अमित जोश के भिलाई में आने की सूचना मिली थी और उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही थी। लेकिन उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की और उसे मार गिराया।" एसपी जितेंद्र शुक्ला
मामले की जांच जारी
एनकाउंटर के बाद पुलिस की जांच और अन्य प्रक्रियाएं जारी हैं। अमित जोश की मौत से भिलाई में एक कुख्यात अपराधी का अंत हो गया है, जिसने शहर में आतंक का माहौल बना रखा था। पुलिस अब उसके फरार साथी की तलाश कर रही है और इस मामले से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच की जा रही है।