भिलाई। भिलाई निगम के पूर्व पार्षद व भाजपा नेता मनोज यादव की रविवार को हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई। शाम को हार्ट अटैक आने के बाद परिवार वाले उन्हें लेकर लाल बहादुर शास्त्री शासकीय अस्पताल सुपेला लाए। जहां डाक्टर ने उनकी जांच की और मृत घोषित करने के बाद ये कहते हुए रेफर कर दिया कि मनोज यादव में अभी भी जान बाकी है। उन्हें जिला अस्पताल या अन्य किसी अस्पताल ले जाने से उनकी जान बच सकती है। ये सुनते ही उनके परिवार वाले भड़क उठे और अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। आरोप है कि एंबुलेंस चालक ने उन्हें जिला अस्पताल को छोड़कर किसी निजी अस्पताल ले जाने से इन्कार किया तो स्वजनों ने एंबुलेंस चालक व एंबुलेंस में तैनात ईएमटी से मारपीट की। एंबुलेंस चालक ने इस घटना की सुपेला थाना में शिकायत भी की है।
बता दें कि भिलाई निगम गठन के बाद से मनोज यादव तीन बार पार्षद रहे हैं और एक बार महिला सीट आरक्षित होने के बाद उनकी पत्नी अर्चना यादव पार्षद निर्वाचित हुई थी। बीते चुनाव में उनकी पत्नी को हार का सामना करना पड़ा था। हार के बाद भी मनोज यादव अपने वार्ड और भाजपा संगठन में काफी सक्रिय थे। रविवार की शाम को करीब सात बजे उनके सीने में तेज दर्द होने के बाद परिवार वाले उन्हें लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल ले गए। जहां डाक्टर मंजू राठौर ने उनकी जांच की और उन्हें मृत घोषित कर दिया। कुछ देर बाद डाक्टर ने कहा कि मनोज यादव में जान बाकी है, इसलिए उन्हें रेफर कर दिया। परिवार वाले उन्हें दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए निकले लेकिन, संजीवनी 108 के सिलेंडर में आक्सीजन न होने के कारण उनकी स्थिति और बिगड़ने लगी।
एंबुलेंस चालक ने शासकीय अस्पताल जाने की ही अनुमति की कही बात
परिवार वाले उन्हें जिला अस्पताल के बजाए पास में ही स्थित बीएम शाह अस्पताल ले जाने लगे तो संजीवनी 108 के चालक लेखपाल सिंह राजपूत ने यह कहते हुए मना किया कि उन्हें सिर्फ शासकीय अस्पताल से दूसरे शासकीय अस्पताल तक जाने की ही अनुमति है। इसके बाद परिवार वाले और ज्यादा आक्रोशित हो उठे और एंबुलेंस चालक लेखपाल सिंह राजपूत व ईएमटी मुलेश्वरी देवांगन से विवाद शुरू कर दिया। जैसे-तैसे उन्हें बीएम शाह अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन, तब तक मनोज यादव ने दम तोड़ दिया था। इसके बाद परिवार वालों ने फिर से ये कहते हुए हंगामा किया कि शासकीय अस्पताल में मूलभूत आवश्यकताओं की ही पूर्ति नहीं की जा रही है। एंबुलेंस में आक्सीजन की व्यवस्था नहीं थी। यदि आक्सीजन की व्यवस्था होती तो मनोज यादव को अस्पताल पहुंचाने तक उनकी जान बचाई जा सकती थी। इसके बाद एंबुलेंस चालक लेखपाल सिंह राजपूत ने सुपेला थाना में इस घटना की शिकायत की है।