किशोर तिवारी(नईदुनिया न्यूज)। बेमेतरा जिले में कृषक जीवन ज्योति योजना दम तोड़ती नजर आ रही है, क्योंकि दो से भी ज्यादा समय से लगभग पांच हजार किसान कृषि पंप के लिए स्थाई कनेक्शन का इंतजार कर रहे हैं। जिले में महज 915 कनेक्शन ही मिल पाया है। वहीं, किसानों के लाखों रुपये बिजली विभाग में कनेक्शन पाने के लिए जमा है।
उल्लेखनीय है कि कृषि प्रधान जिला बेमेतरा में किसानों के पास सिंचाई के साधन के नाम पर स्वयं के ट्यूबवेल ही एकमात्र सहारा है, किंतु इसे विडंबना ही कही जा सकती है कि यहां निजी पंप कनेक्शन के नाम पर दो वर्षों से ज्यादा समय से किसान स्थाई कनेक्शन का इंतजार कर रहे हैं। पैसा भी जमा चुके हैं, किंतु अब तक उन्हें स्थाई कनेक्शन नहीं दिया जा सका है। हालांकि जिले में विद्युत विभाग द्वारा दो संभागीय कार्यालय की स्थापना की गई है ताकि किसानों को कृषि कार्य के लिए बिजली की समस्या ना हो और समस्या का त्वरित निराकरण किया जा सके, किंतु दो संभागीय कार्यालय बनाए जाने के बाद भी किसानों के प्रकरण आज भी पेंडिंग पड़े हुए हैं। दो साल पुराने प्रकरण पर भी विभाग इंतजाम नहीं कर पा रहा है, जिसकी मुख्य वजह है शासन द्वारा स्वीकृति नहीं दिया जाना। हालांकि राज्य शासन द्वारा कृषक जीवन ज्योति योजना के तहत एक लाख का अनुदान किसानों को बिजली कनेक्शन में दिए जाने का प्रावधान किया गया है, किंतु उक्त योजना के तहत किसानों द्वारा प्राप्त आवेदनों की तुलना में काफी कम प्रकरणों की स्वीकृति ही दी जा रही है। विगत वर्ष पांच हजार से भी ज्यादा आवेदन लंबित होने के बाद जिले में साजा संभागीय कार्यालय में 320 कनेक्शन तथा बेमेतरा संभागीय कार्यालय में 595 स्थाई कनेक्शन की ही स्वीकृति दी गई है। इसे मार्च 2021 तक पूरा किया जाना निर्धारित किया गया है। हालांकि किसानों को निशुल्क बिजली का वायदा करने वाली सरकार इस योजना के तहत तीन एचपी धारक किसानों को छह हजार यूनिट मुफ्त बिजली तथा पांच एचपी धारक किसानों को 7500 यूनिट मुफ्त बिजली देने का प्रावधान किया गया है। साथ ही इसके बदले में किसानों से सेवा शुल्क के रूप में मात्र तीन एचपी पंप कनेक्शन के लिए 1483 रुपये तथा पांच एचपी पंप धारक किसानों के लिए 1783 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है।
दो साल से भी ज्यादा समय से किसानों द्वारा निर्धारित शुल्क की राशि कर दी गई है जमा
विभाग द्वारा बनाए गए प्रावधान के तहत किसानों द्वारा सेवा शुल्क के रूप में दी जाने वाली राशि तीन एचपी के लिए 1483 तथा पांच एचपी के लिए 1783 रुपये राशि किसानों द्वारा दो साल से भी ज्यादा समय से जमा किया जा चुका है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार साजा संभागीय कार्यालय में लगभग 22 आवेदन तथा बेमेतरा संभागीय कार्यालय में लगभग 21 आवेदन ऐसे हैं, जिनकी राशि किसानों द्वारा पटा दी गई है तथा इन राशि को ही अगर जोड़ दिया जाए तो किसानों की लगभग 60 से 70 लाख रुपये की राशि विद्युत विभाग में जमा तो कर ली गई है, किंतु नियमित कनेक्शन नहीं दिया जा सका है।
विभाग भी हो रहा है परेशान
ज्यादा आवेदन इतने समय से लंबित होने के बाद उन किसानों को खासा परेशानी उठानी पड़ रही है जो कि या तो बैंक से कर्ज लेकर पंप कनेक्शन के लिए तैयारी किए हैं या फिर निजी खर्च से पंप करा चुके हैं, किंतु विभागीय उदासीनता के चलते उन्हें स्थाई कनेक्शन नहीं मिल पाने के चलते वैकल्पिक व्यवस्था के तहत किसान जैसे-तैसे अपना काम चला रहे हैं, जिसके चलते उन्हें आए दिन विभाग का चक्कर काटने पड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण अंचलों में निर्धारित क्षमता से कहीं ज्यादा पंप कनेक्शन होने के कारण आए दिन ट्रांसफार्मर का जलना या फिर केबल जलना या फिर और अन्य तरह की परेशानी होने के चलते विद्युत बाधा लगातार ही बनती रहती है। इन तमाम हालातों के चलते किसान तो परेशान हैं ही विभाग भी कम परेशान नहीं हो रहा है।