बालोद (नईदुनिया न्यूज)। सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढाने के उद्देश्य से शुरू की गई मध्यान्ह भोजन योजना (मिड डे मील) हर सरकारी योजना की तरह बस कागजों पर ही बेहतर संचालित हो रही है। सरकार द्वारा चलाए जा रहे जनहित योजनाओं में लापरवाही और भर्राशाही के मामले तो आए दिन सामने आते रहते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सकारात्मक सोच से संचालित अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में सरकारी योजना लापरवाही और दुविधा के बीच चल रही हो तो सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले का सरकारी अमला मुख्यमंत्री के सपनों पर भी ग्रहण लगाने से गुरेज नहीं कर रहा।
कुछ ऐसा ही मामला सोमवार को जिला मुख्यालय के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल में सामने आया जहां स्कूल में मध्यान्ह भोजन तैयार करने के लिए रखे चावल में इल्ली और कीड़े पाए गए। दरअसल स्कूल में मध्यान्ह भोजन के लिए रखे 42 बोरी चावल में इल्ली और कीड़ों की भरमार है। जिसे स्कूल के भीतर टीनशेड के नीचे रखा गया है। इस चावल के बने भोजन से बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव से इंकार नही किया जा सकता। ऐसे में बेहतर शिक्षा के प्रबंध के साथ शुरू किए गए आत्मानंद स्कूल में भी एमडीएम की गुणवत्ता को लेकर प्रश्न उठने लगे हैं।
मामले को दबाने में जुटा प्रबंधन
मामले में स्कूल प्रबंधन पर्दा डालने की तैयारी में जुट गया है। बताया गया कि मध्यान्ह भोजन के लिए आया यह चावल काफी पुराना है। स्कूल में किए गए निर्माण के दौरान जनवरी माह में यह चावल आया था। जिसे स्कूल के डायनिंग हाल में रखा गया था। सप्ताह भर पहले इसे वहां से हटाकर बाहर टीनशेड के नीचे तालपत्री में बांधकर रखा गया है।
स्कूल प्रबंधन में मचा हड़कंप
मध्या- भोजन के चावल में कीड़े लगे होने की जानकारी नईदुनिया की टीम को लगने के बाद स्कूल प्रबंधन में हडकंप मच गया। बता दें कि मध्यान्ह भोजन की निगरानी शाला प्रबंधन की है, लेकिन इनके द्वारा निगरानी नहीं करने से ऐसी घटना सामने आई है। टीनशेड के नीचे रखे चावल के बोरियों में कीड़े बिलबिला रहे थे। बड़ी-बड़ी इल्लियां और पंख वाले कीड़ो ने बोरियों में अपना कब्जा जमाया हुआ था। बोरियों से तीखी बदबू भी आ रही थी।
बयां हुई सरकारी दावें की हकीकत
मध्या- भोजन में गड़बड़ी की शिकायत आम बात है। कहीं विद्यालय में मीनू का पालन नहीं होने, कहीं गुणवत्ता विहीन भोजन तो कहीं योजना बंद होने की शिकायत आते रहती है। लेकिन राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा अंग्रेजी माध्यम से दिए जाने के दावों के बीच शुरू किए गए आत्मानंद स्कूल के मध्या- भोजन के चावल में कीड़ा मिलने की घटना ने सरकारी दावे की हकीकत बयां कर दी है।
दी गई थी जानकारीः पटेल
मध्यान्ह भोजन आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल की संचालक सत्यवती पटेल ने बताया कि जब से स्कूल खुला है तब से चावल आया है। चावल रखे होने की जानकारी स्कूल प्रबंधन को दिए दो से तीन माह हो गए। जनवरी माह से यह चावल स्कूल में रखा है। जिसे एक कमरे में रखा गया था। लेकिन स्कूल प्रबंधन के द्वारा करीब एक सप्ताह पूर्व चावल की बोरियों को कमरे से बाहर टीनशेड के नीचे रखने को कहा गया। लंबे समय तक रखने के कारण चावल में कीड़ा लगा है।
एल तुली प्रचार्य आत्मानंद स्कूल ने बताया किमई जून के समय जब बच्चो की छुट्टियां चल रही थी तब कुछ अतिरिक्त चावल की बोरियां आई है। जो जगह न होने के कारण इस तरह से रखना पड़ा जिस कारण घुन लग गया। इसको मैंने मौखिक तौर पर बीईओ को कहा था कि किसी स्कूल को जरूरत होगी तो ले जाए। लेकिन कुछ नहीं हो पाया। ये चावल हमने बच्चों को परोसा नहीं है।