नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर: उत्तर की सर्द हवा से सरगुजा जिला शीतलहर की चपेट में है। तापमान में लगातार गिरावट जारी है। बुधवार को अंबिकापुर का न्यूनतम तापमान 8़ 6 डिग्री दर्ज किया गया। तापमान के सामान्य से 4़ 7 डिग्री कम होने के कारण सरगुजा के मैदानी इलाकों में शीतलहर की स्थिति बनी हुई है। दिन में भी ठंडी हवा चलने से लोगों को राहत नहीं मिल रही है। सरगुजा के पहाड़ी इलाकों में तापमान छह डिग्री तक पहुंच गया है। इस साल नवंबर के शुरूआती दो सप्ताह में ठंड सामान्य थी लेकिन मौसम साफ होने व उत्तर पश्चिमोत्तर दिशा से शुष्क हवा के प्रवाह से उत्तरी छत्तीसगढ़ में एकाएक ठंड बढ़ी। मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों तक मौसम में कोई बड़ा उलटफेर नहीं होने से ठंड के तेवर तीखे बने रहने की संभावना है।
शीतलहर के ये हैं मानदंड-
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी एएम भट्ट ने बताया कि भारतीय मौसम विभाग ने शीतलहर के मानदंड तय किए हैं। इसके अनुसार मैदानी इलाकों में जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री या उससे कम हो और पहाड़ी इलाकों में न्यूनतम तापमान शून्य या उससे कम हो तब वहां शीतलहर की स्थिति बनती है। तापमान सामान्य से चार या पांच डिग्री कम होने पर शीतलहर चलती है। अंबिकापुर का न्यूनतम तापमान 8़ 6 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से 4़ 7 डिग्री कम रहा, यह स्थिति शीतलहर की बन गई है।
इस तरह बना हुआ है न्यूनतम तापमान
दिनांक तापमान
15 नवंबर 10़ 4
16 नवंबर 10़ 1
17 नवंबर 10़ 6
18 नवंबर 9़ 7
19 नवंबर 8़ 8
20 नवंबर 8़ 6
कड़ाके की ठंड में ट्रेनों की लेटलतीफी से यात्री रहे परेशान
नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर: अंबिकापुर-अनूपपुर रेल खंड में चल रहे कार्य के कारण मंगलवार को यात्री ट्रेन सेवा बुरी तरह प्रभावित रही। जगह-जगह ट्रेनों को रोक दिए जाने से सैकड़ों यात्री घंटों विलंब से देर रात अंबिकापुर पहुंचे। कड़ाके की ठंड में यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। मंगलवार को उदल कछार स्टेशन में नई लाइन को प्लेटफार्म से जोड़ने सहित शिवप्रसाद नगर में रोड अंडर ब्रिज की कमिश्निंग का कार्य चल संपन्न हुआ । इन दोनों कार्यों के चलते शहडोल और अंबिकापुर के बीच संचालित सभी ट्रेन पांच से छह घंटे विलंब से पहुंची। जानकारी के अनुसार दोपहर 12 बजकर 20 पर अंबिकापुर से शहडोल रवाना होने वाली मेमू ट्रेन रात को पौने नौ बजे, लगभग आठ घंटे विलंब से अंबिकापुर से रवाना हुई। दूसरी ओर शहडोल से अंबिकापुर जाने वाली मेमू ट्रेन दोपहर 12़ 30 बजे शहडोल से रवाना होने के बाद जगह-जगह स्टेशन में रुकती हुई रात को 11 बजकर 10 मिनट पर अंबिकापुर पहुंची। इसी तरह शहडोल-अंबिकापुर पैसेंजर ट्रेन दोपहर ढाई बजे शहडोल से रवाना होने के बाद देर रात 11़ 30 बजे अंबिकापुर पहुंची।इन यात्री ट्रेनों के जगह-जगह रुकने और घंटों विलंब से पहुंचने के कारण कड़ाके की ठंड में यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। ऐसे यात्री जो भोपाल, इंदौर से सफर कर शहडोल और अनूपपुर में उतरे। उन्हें सुबह से देर रात तक ट्रेन में ही बितानी पड़ी। घंटों विलंब से परेशान यात्रियों में बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे व बुजर्ग थे। तकनीकी कार्य के कारण बैकुंठपुर व कटोरा में काफी देर तक ट्रेक रुकी रही। ट्रेन किन कारणों से रोकी गई इसकी जानकारी यात्रियों को नहीं होने से वे परेशान दिखे।
देर रात 12़ 30 बजे छूटी दुर्ग ट्रेन-
शहडोल-अंबिकापुर पैसेंजर ट्रेन रात 11़ 30 बजे अंबिकापुर पहुंची। यही ट्रेन बाद में दुर्ग अंबिकापुर एक्सप्रेस के रूप में रवाना होती है। विलंब से पहुंचने के कारण इस ट्रेन को ट्रेन रात 12़ 30 पर अंबिकापुर से दुर्ग के लिए रवाना किया गया। इसी तरह शाम छह बजे अंबिकापुर से अनूपपुर जाने वाली मेमू ट्रेन साढ़े पांच घंटे विलंब से देर रात 11़ 30 बजे रवाना हुई। इस दौरान सैकड़ों यात्री अंबिकापुर स्टेशन में परेशान नजर आए।
दुर्ग ट्रेन में जुड़ेगी एक अतिरिक्त कोच-
अंबिकापुर दुर्ग ट्रेन में यात्रियों की भीड़ को देखते हुए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा दुर्ग से 24 नवंबर से 30 नवंबर तक एवं अंबिकापुर से 25 नवंबर से एक दिसंबर तक एक अतिरिक्त स्लीपर कोच जुड़ेगी। इससे यात्रियों को कुछ राहत मिलने की संभावना है। बता दें कि अंबिकापुर से राजधानी रायपुर जाने वाली एकमात्र ट्रेन में छुट्टी व शादी-विवाह के सीजन में यात्रियों की भारी भीड़ रहती है।