अनंगपाल दीक्षित,नईदुनिया, अंबिकापुर: प्याज की महंगाई से लोग खासे परेशान हैं। वर्तमान में बाजार में 70 रुपये प्रतिकिलो की दर से प्याज बिक रहा है। आठ से 10 दिन के भीतर लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है। महाराष्ट्र में प्याज की नई फसल आ रही है। सरगुजा के व्यापारियों ने भी बड़े पैमाने पर प्याज मंगाने की तैयारी कर ली है। महाराष्ट्र से यहां प्याज आते ही दाम में गिरावट आएगी। थोक सब्जी व्यापारियों की मानें तो एक सप्ताह के बाद असर दिख जाएगा।
देश भर में सर्वाधिक प्याज का उत्पादन महाराष्ट्र के नासिक में होता है। देश में प्याज की आपूर्ति नासिक से होती है। छत्तीसगढ़ राज्य में सर्वाधिक प्याज की आपूर्ति भी महाराष्ट्र से होती है। सरगुजा संभाग भी इसी पर निर्भर है। इस बार महाराष्ट्र से आवक कम हुई तो बेंगलुरु का प्याज यहां पहुंचा। आपूर्ति कम होने के कारण दाम वर्ष भर बढ़ा रहा।40 रुपये से लेकर 80 रुपये किलो तक ब्याज इस वर्ष बिकता रहा। इस वर्ष प्याज ने लोगों को काफी परेशान किया। वर्ष भर में एक बार भी प्याज की कीमत में कमी नहीं आई। इसके पीछे कारण स्थानीय स्तर पर उत्पादन का कम होना और प्याज को सहेज कर रखने कोल्ड स्टोरेज का अभाव प्रमुख समस्या है।
व्यापारियों के अनुसार इस साल प्याज का महाराष्ट्र के नासिक में अधिक उत्पादन हुआ है।अधिक प्याज के उत्पादन होने से प्याज के दाम में गिरावट आएगी।इसका असर छत्तीसगढ़ में भी होगा।व्यापारियों के अनुसार नासिक में नया प्याज का रहा है ऐसे में प्याज सस्ता होने की पूरी संभावना है।इस वजह से यहां भी सस्ते में प्याज उपलब्ध होगा। महाराष्ट्र के नासिक का प्याज नवंबर के दूसरे पखवाड़े से ही छत्तीसगढ़ में आना शुरू होता है।
इसके पहले स्थानीय स्तर के प्याज से ही काम चलाया जाता है जो काफी महंगा होता है। स्थानीय स्तर पर भी प्याज की कमी होने के कारण व्यापारियों ने बेंगलुरु से प्याज मंगाना शुरू किया किंतु ट्रांसपोर्ट खर्च अधिक होने के कारण लोगों ने इसे पर्याप्त मात्रा में मंगाने से परहेज किया, यही कारण है की मांग अधिक और आपूर्ति कम होने से प्याज की कीमत इन दिनों आसमान पर हैं किंतु महाराष्ट्र से जैसे ही प्याज की आवका शुरू होगी दाम में 30 रुपये तक की गिरावट आ सकती है।
सौ टन प्रतिदिन आ रहा बेंगलुरु से प्याज
सब्जी के थोक व्यवसाय काशी केसरी बताते हैं कि अंबिकापुर की सबसे बड़ी मंडी में काफी दिनों से बेंगलुरु का ब्याज आ रहा है।ट्रांसपोर्टिंग खर्च अधिक पड़ रहा है इस कारण से दाम भी बढ़े हुए हैं। प्रतिदिन लगभग 100 टन प्याज अंबिकापुर की सब्जी मंडी में बेंगलुरु आता है। यहां के व्यापारियों ने महाराष्ट्र संपर्क किया है।एक सप्ताह बाद गाड़ियां लगेगी और महाराष्ट्र का प्याज आना भी शुरू हो जाएगा जिससे प्याज सस्ता होगा। प्याज का स्थानीय उत्पादन भी आरंभ हो जाएगा। उन्होंने बताया कि अब हर रोज प्याज के दाम में कमी आएगी।
यहां प्याज रखने एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं
सरगुजा जिले में प्याज उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है किंतु जिले में एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं हैं
इस कारण प्याज का रखरखाव किसान लंबे समय तक नहीं कर पाते हैं। किसान औने-पौने दाम पर प्याज की फसल बेचने को मजबूर होते हैं। घर में लंबे समय तक इसे खुले में नहीं रखा जा सकता।जिले में आलू का उत्पादन भी भरपूर होता है किंतु कोड स्टोरेज होने के कारण कुछ दिनों तक आलू की कीमत स्थिर रहती है।प्याज का कोल्ड स्टोरेज नहीं होने के कारण बड़े पैमाने पर गर्मी के सीजन में यहां का प्याज सड़ जाता है।