अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे झारखण्ड के महुआडांड़ थाना क्षेत्र के ग्राम चंपा में सोमवार की रात सशस्त्र वर्दीधारी नक्सलियों ने सड़क निर्माण कार्य मे लगी ठेका कंपनी के कैम्प में धावा बोल चार वाहनों में आग लगा दी। चंपा ग्राम, छतीसगढ़ के करौंदा से झारखण्ड के महुआडांड को जोड़ने वाले मार्ग पर स्थित है। छतीसगढ़ सीमा से घटनास्थल की दूरी लगभग पांच किलोमीटर होने के कारण इलाके में बलरामपुर पुलिस ने सर्चिंग और तेज कर दी है।
घटना में पीएलएफआई संगठन के सदस्यों के शामिल होने का संदेह है। नक्सलियों द्वारा सड़क निर्माण कार्य मे लगी ठेका कंपनी के संचालक और मुंशी का मोबाइल नम्बर भी साथ ले गए है। सिसिलेवार घटनाओं से क्षेत्र में भय का माहौल निर्मित हो गया है।
छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा झारखंड सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन की तैयारी की जा रही है।पिछले दिनों चुनचुना -सबाग मार्ग पर वाहनों में आगजनी की घटना के बाद सोमवार की रात नक्सलियों ने झारखंड के महुआडांड थाना क्षेत्र के ग्राम चंपा में उत्पात मचाया।
उन्होंने महुआडांड से चंपा तक सड़क निर्माण कार्य में लगे 4 वाहनों को आग के हवाले कर दिया। आग से एक वाहन पूरी तरह जलकर खाक हो गया, जबकि मजदूरों ने नक्सलियों के जाने के बाद तीन अन्य वाहनों में लगी आग बुझा दी। सूचना मिलते ही घटनास्थल से करीब चार किमी दूर छत्तीसगढ़ के बलरामपुर थाना क्षेत्र के करौंधा थाना प्रभारी रात मे ही दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे।
फिर उन्होंने मजदूरों से पूछताछ के बाद निर्माण कार्य में लगे अन्य वाहनों को सुरक्षित कैंपस में खड़ा कराया। मजदूरों ने बताया कि नक्सली अपने साथ पेट्रोल भी लेकर आए थे। घटनास्थल पर नक्सली करीब 10 मिनट तक रहने के बाद वहां से चले गए। उन्होंने मजदूरों से ठेकेदार और मुंशी का मोबाइल नंबर भी लिया। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि लेह्वी वसूलने उन्होंने दोनों का नंबर लिया है।
झारखंड से आए नक्सलियों ने चार दिन पूर्व ही छत्तीसगढ़ की सीमा में घुसकर सड़क निर्माण में लगे सात वाहनों में आग लगा दी थी। यह इलाका बंदरचुआ सीआरपीएफ कैंप से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। चंपा में हुई वारदात में भी इसी नक्सली संगठन का हाथ होने की संभावना है।
बंदरचुआ के पास वाहनों में आग लगाए जाने वाले स्थल व बंदरचुआ से पुंदाग तक बन रही सडक़ का सोमवार को ही सरगुजा रेंज के आईजी रतनलाल डांगी ने जायजा लिया था। आईजी के निरीक्षण के बाद झारखण्ड सीमा पर ही नक्सलियों ने दोबारा बड़ी वारदात को अंजाम दिया है।