Cherchera Mahaparv 2023: सूरजपुर (नईदुनिया न्यूज)। छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति का महापर्व छेरछेरा जिसे स्थानीय स्तर पर छेरता का नाम भी मिला है, जिलेभर में उमंग एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। संस्कृति के अनुरूप शुक्रवार को सुबह से ही बच्चों की टोलियां घर-घर जाकर छेरता मांगते नजर आई। शाम को लोकड़ी मनाने निकले ग्रामीण महिला पुरुष एवं युवक युवतियों ने गाजे बाजे के साथ एक साथ नाच गाकर छेरछेरा महापर्व धूमधाम के साथ मनाया।
बता दें कि आदिवासी अंचल सूरजपुर, सरगुजा का छेरता पर्व अन्ना्दान का महापर्व है। छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचल में यह पर्व नई फसल के खलिहान से घर आ जाने के बाद मनाया जाता है। यह उत्सव कृषि प्रधान संस्कृति में दानशीलता की परंपरा को याद दिलाता है। वयोवृद्ध ग्रामीण राम प्रसाद सिंह ने बताया कि लोक संस्कृति और परंपरा के इस महापर्व में नैतिक मूल्यों के साथ ही परोपकार की भावना छिपी हुई है। छेरछेरा महापर्व हमारी इसी परंपरा का अंग है। उन्होंने कहा कि यह समाज को जोड़ने वाला त्योहार है।
इस दिन अमीर गरीब, छोटे बड़े का भेदभाव मिट जाता है। इस दिन अन्ना्पूर्णा देवी और शाकंभरी मां की पूजा की जाती है। सरगुजिहा ग्रामीण महिला बिल बसिया बाई ने बताया कि छत्तीसगढ़ में यह पर्व पौष पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन लोग एक दूसरे को छेरछेरा कह कर जीवन में मंगल की कामना करते हैं। युवाओं एवं बच्चों की टोली घर घर जाकर अनाज मांगती है। लखनलाल करें ने कहा कि आदिवासी अंचल की इस परंपरा की छत्तीसगढ़ में विशेष महत्ता है। धान मिसाई का काम आखिरी चरण में होता है। बच्चों की टोलियां धान मांगती है और उसे गांव के सार्वजनिक कार्यों में उपयोग किया जाता है। इस पर्व में अहंकार के त्याग की भावना छिपी है। महापर्व में गांव के गली मोहल्लों के घर घर में छेरछेरा, कोठी के धान ला हेरहेरा की गूंज भी सुनाई देती है। छेरता पर्व के मद्देनजर सूरजपुर पुलिस चौकस रही। जगह-जगह पुलिस की तैनाती की गई थी।
जनप्रतिनिधियों ने दी बधाई-
प्रतापपुर विधायक व कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह, प्रेमनगर विधायक व सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण अध्यक्ष खेलसाय सिंह व भटगांव विधायक व संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े ने ग्रामीण किसानों को छेरछेरा पर्व की बधाई देते हुए उनके दीर्घायु व उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।