Land Scam Ambikapur: तत्कालीन नजूल अधिकारी, राजस्व निरीक्षक व लिपिक की जमानत याचिका निरस्त, गिरफ्तारी की लटकी तलवार
न्यायालय से अग्रिम जमानत याचिका निरस्त होने के बाद आरोपितों की मुश्किलें बढ़नी तय है। तत्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो वर्तमान में जिला पंचायत कोंडागांव के जिला पंचायत सीईओ के पद पर पदस्थ हैं।
By Asim Sen Gupta
Edited By: Manoj Kumar Tiwari
Publish Date: Sat, 16 Mar 2024 09:25:17 AM (IST)
Updated Date: Sat, 16 Mar 2024 09:25:17 AM (IST)
प्रतीकात्मक चित्र HighLights
- फर्जी तरीके से नामांतरण का मामला
- न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनने के बाद जमानत आवेदन निरस्त कर दिया है
- आरोपितों ने इस आधार पर मांगा अग्रिम जमानत
नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर । अंबिकापुर के बहुचर्चित जमीन घोटाले में तत्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो, राजस्व निरीक्षक नारायण सिंह तथा लिपिक अजय तिवारी की अग्रिम जमानत याचिका निरस्त कर दी गई है। इन तीनों के अलावा राजस्व निरीक्षक राहुल सिंह पर कूटरचना कर शासकीय गोचर मद की जमीन का फर्जी तरीके से नामांतरण कर शासन को करोड़ों रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाने का आरोप है। तत्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो, राजस्व निरीक्षक नारायण सिंह तथा लिपिक अजय तिवारी की ओर से उनके अधिवक्ताओं ने पंचम अपर सत्र न्यायाधीश ओपी जायसवाल के न्यायालय में अग्रिम जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया था। न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनने के बाद जमानत आवेदन निरस्त कर दिया है।
न्यायलय ने कहा है कि अपराध की प्रकृति गंभीर एवं अजमानतीय है। इसमें आजीवन कारावास तक के दण्ड का प्रविधान है। केस डायरी में संलग्न दस्तावेजों से यह परिलक्षित है कि आपराधिक षड़यंत्र कर शासकीय दस्तावेजों में कूटरचना कर अविधिक रूप से बहुमूल्य शासकीय भूमि का अवैध अंतरण एवं विक्रय किए जाने के संबंध में पर्याप्त साक्ष्य संग्रहण किया गया है। प्रारंभिक जांच में आरोपितों ने शासकीय सेवक के रूप में पदीय कर्तव्य के निर्वहन के विपरीत अवैधानिक रूप से उपरोक्त आपराधिक षड़यंत्र में संलिप्त रहने के संबंध में साक्ष्य संग्रहित है। प्रकरण में विवेचना प्रारंभिक स्तर पर है एवं साक्ष्य संग्रहण किया जाना शेष है।
अभियुक्तगण से भी व्यक्तिगत रूप से साक्ष्य संग्रहण की आवश्यकता होना परिलक्षित है। ऐसे में आरोपित अपराध की गंभीर प्रकृति, संग्रहित साक्ष्य एवं प्रकरण की उपरोक्त परिस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए आरोपित नारायण सिंह, नीलम टोप्पो एवं अजय कुमार तिवारी की ओर से प्रस्तुत अग्रिम जमानत आवेदन स्वीकार करने योग्य दर्शित नहीं होता है। अतः उपरोक्त अग्रिम जमानत आवेदन अस्वीकार कर निरस्त किया जाता है। सत्र न्यायालय से अग्रिम जमानत याचिका निरस्त होने के बाद आरोपितों की मुश्किलें बढ़नी तय है। तत्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो वर्तमान में जिला पंचायत कोंडागांव के जिला पंचायत सीईओ के पद पर पदस्थ हैं।
आरोपितों ने इस आधार पर मांगा अग्रिम जमानत
1.राजस्व निरीक्षक नारायण सिंह : नमनाकला की वादभूमि का जांच प्रतिवेदन मांगा गया था। जांच प्रतिवेदन अनुसार भूमि खसरा नंबर 242 रकबा 111.40 हेक्टेयर भूमि सर्वे सेटलमेंट में गोचर मद में दर्ज होना पाया गया, वहीं प्रतिवेदन में उल्लेखित करते हुए पदीय कर्तव्य का निर्वहन किया गया। गिरफ्तार हो जाने से मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा धूमिल हो जाएगा।
2.नीलम टोप्पो: बसु लोहार नामक व्यक्ति के द्वारा नामांतरण आवेदन न्यायालय नजूल अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। भूमि का पट्टा बंसु लोहार आ० भुटकूल नामक व्यक्ति को वर्ष 1968 में तत्कालीन तहसीलदार के द्वारा दिया गया। उक्त भूमि वर्ष 1967-68 से लेकर वर्ष 1975 तक के राजस्व अभिलेखों में बंसु लोहार के नाम पर दर्ज होता रहा है। राजस्व निरीक्षक प्रतिवेदन के आधार पर भू राजस्व संहिता के प्रविधानों के अनुसार बंसु लोहार का वर्ष 1967-68 में जारी पट्टा सत्यता के संबंध में प्रस्तुत प्रतिवेदन व दस्तावेजों के आधार पर न्यायालयीन प्रक्रियाओं को पूर्ण करते पीठासीन अधिकारी की हैसियत से प्रस्तुत प्रकरण में विधि सम्मत नामांतरण आदेश पारित किया है।
3. अजय तिवारी : नजूल अधिकारी के न्यायालय में प्रस्तुतकार लिपिक के पद पर कार्यरत है। बंसु पिता भुटकुल के द्वारा नामांतरण आवेदन प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में ईश्तहार के प्रकाशन का कार्य संपादित हुआ। बघेल सरकार की पट्टा प्रदान करने की योजना के तहत 152 प्रतिशत में पट्टे जारी हो रहे थे।राजस्व निरीक्षक ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, तत्पश्चात नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो के द्वारा व्यवस्थापन संबंधी आदेश पारित किया गया। उपरोक्त कार्यवाही में लिपिक के रूप में कोई हेराफेरी अथवा कूटरचना की संभावना ही नहीं रहती है। कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रकरण में किसी भी प्रकार के आदेश पारित करने की अधिकारिता नहीं थी। प्रस्तुतकार लिपिक के रूप में आवेदक ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है।
जमानत आवेदन पर पुलिस ने की आपत्ति
करोड़ों की जमीन हेराफेरी मामले में पुलिस की ओर से जमानत आवेदन पर आपत्ति की गई। थाना प्रभारी गांधीनगर ने न्यायलय से कहा कि प्रकरण की विवेचना प्रारंभिक स्तर पर है। आरोपितों ने शहर के नमनाकला के शासकीय अभिलेखों में कूटरचना कर शासकीय भूमि को अविधिक रूप से नामांतरित एवं बिक्री कर करोड़ों रूपये के अवैध लाभ प्राप्त कर शासन को क्षति पहुँचाने का आरोप है। यदि अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाता है, तो उनका हौसला बढ़ेगा, एवं अन्य सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर अपराध के साक्ष्य को मिटाने का प्रयास करेंगे। प्रार्थी एवं गवाहों को डरा धमका कर विवेचना को प्रभावित कर सकते हैं।