Kudargadh: अंबिकापुर। सूरजपुर जिले के ओड़गी विकासखंड के प्रमुख धार्मिक स्थल मां बागेश्वरी देवी धाम (कुदरगढ़) में अतिवृष्टि से मची तबाही के बाद प्रशासन ने क्षतिग्रस्त अधोसंरचना को नए सिरे से विकसित करने का भरोसा दिया है। सूरजपुर कलेक्टर रणवीर शर्मा के निर्देश पर जिला व ब्लाक स्तर के अधिकारी को मौके पर पहुंचे। कलेक्टर ने कहा है कि लोगों की आस्था कुदरगढ़ से जुड़ी हुई है। इसे और व्यवस्थित किया जाएगा। प्राकृतिक जल बहाव को रोकने से कुदरगढ़ में भारी नुकसान पहुंचा है।
ओड़गी विकासखंड क्षेत्र में मंगलवार सुबह से बारिश हो रही थी। सुबह लगभग आठ से नौ बजे के बीच तेज बारिश हुई। अतिवृष्टि थमने के बाद कुदरगढ़ में चारों ओर तबाही का मंजर नजर आया। पहाड़ का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त होने से बड़े-बड़े पत्थर नीचे गिर आए हैं। मुख्य प्रवेश द्वार के एक ओर की दीवार धराशाई हो गई है। रेलिंग क्षतिग्रस्त होने के साथ ही निर्माणाधीन प्रवेश द्वार भी धराशाई हो गया है। पहाड़ का पानी बाढ़ की शक्ल में बड़े-बड़े पत्थरों को साथ लेकर नीचे आ गया है। सीढ़ी के रास्ते बंद हो चुके हैं। ऊपर तक नहीं पहुंच पाने से नुकसान का पूरा ब्यौरा सामने नहीं आ सका है।
सरगुजा अंचल की आराध्य मां कुदरगढ़ी देवी धाम में अब चारों ओर तबाही का मंजर है। मंगलवार सुबह से क्षेत्र में हो रही सोरी बारिश से कुदरगढ़ पहाड़ का एक हिस्सा धराशाई हो गया। पहाड़ का पानी बाढ़ की शक्ल में बड़े-बड़े पत्थर को साथ लेते सीढ़ी के रास्ते नीचे बहने लगा, जिससे रास्ते में पड़ने वाले विकास व निर्माण के कार्य धराशाई हो गए। कई स्थानों पर रेलिंग टूट गई।
बड़े-बड़े पत्थरों से मेन गेट के बगल में अहाते का हिस्सा धराशाई हो गया। बताया जा रहा है कि निर्माण कार्य की वजह से पहाड़ के पानी के बहने की दिशा बदल गई है। सूरज धारा के नजदीक प्राकृतिक जलस्रोत को बंद कर पानी टंकी निर्माण के लिए दीवार खड़ी करा दी गई है, जिस कारण पहाड़ के पानी का प्राकृतिक बहाव बंद हो गया है। मंगलवार सुबह हुई तेज बारिश की वजह से पहाड़ के पानी की दिशा बदल गई और वह सीढ़ियों के रास्ते मुख्य गेट से होते हुए नीचे सड़क तक आ पहुंची।
कुदरगढ़ के मुख्य प्रवेश द्वार के पास सेी बड़े-बड़े पत्थर आ गए हैं। सीढ़ियों में पत्थर गिरे रहने से रास्ता सेी जाम हो गया है। क्षेत्र के जनपद सदस्य राजेश तिवारी ने बताया कि घटना सुबह आठ और नौ के बीच की है। सुबह अचानक क्षेत्र में तेज बारिश शुरू हो गई। देखते ही देखते पहाड़ का पानी बाढ़ की शक्ल में नीचे बहने लगा। ऊपरी तौर पर जो नजारा दिख रहा है उससे तय है कि नए सिरे से सारी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाना होगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कराए गए कई विकास व निर्माण के कार्य क्षतिग्रस्त हुए हैं।
पड़ोसी प्रांतों से भी पहुंचते हैं श्रद्घालु
सूरजपुर जिले के विकासखंड मुख्यालय ओड़गी से लगा कुदरगढ़ उत्तरी छत्तीसगढ़ का प्रमुख धार्मिक स्थल है। माता कुदरगढ़ी का धाम पहाड़ के ऊपर स्थित है। मां बागेश्वरी देवी लोक न्यास ट्रस्ट द्वारा यहां सारी व्यवस्थाओं का संचालन किया जाता है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विकास और निर्माण के ढेरों कार्य कराए गए हैं। हर वर्ष चैत्र नवरात्रि पर यहां मेला लगता है। वर्ष सेर श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है। छत्तीसगढ़ के अलावा मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश से भी श्रद्घालु यहां पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं।
श्रद्घालुओं की आवाजाही नहीं थी
सुबह से हो रही हल्की बारिश के बीच छह-सात श्रद्घालु उपर पहाड़ी पर माता के दरबार में पहुंच चुके थे। नीचे बारिश थमने का इंतजार कुछ श्रद्घालु अलग-अलग स्थानों पर कर रहे थे। सीढ़ियों से लोगों की आवाजाही नहीं थी। उसी दौरान तेज बारिश हुई और देखते ही देखते बड़े-बड़े पत्थर, बालू बहकर सीढ़ियों के रास्ते नीचे आने लगे। बारिश थमने के बाद चारों ओर सिर्फ तबाही ही नजर आ रही थी।
कई घंटे बाढ़ ने रोका आवागमन
कुदरगढ़ में अतिवृष्टि से दोनों ओर के रास्ते भी बंद हो गए थे। जिला मुख्यालय सूरजपुर से इंदरपुर चौक होते कुदरगढ़ जाने वाले मार्ग पर गोखनई नाला पुलिया से कई फीट उपर पानी बहने से घंटों आवागमन बाधित रहा। बिहारपुर की ओर से भी कुदरगढ़ जाने के रास्ते में नदी में बाढ़ होने से लोगों को वहां पहुंचने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। शाम को बारिश थमने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर टीम कुदरगढ़ पहुंची और निचले भाग में हुए नुकसान का जायजा लिया। बुधवार को टीम पहाड़ के उपर प्रतिमा स्थल तक जाएगी।
और अच्छा बनाएंगेः कलेक्टर
सूरजपुर कलेक्टर रणवीर शर्मा ने बताया कि कुदरगढ़ में अतिवृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए टीम भेजी गई है। मैं खुद कुदरगढ़ जाउंगा। उन्होंने कहा कि अधोसंरचना विकास से संबंधित कुछ कार्य क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन सभी को नए सिरे से बेहतर तकनीकी मानकों का पालन कर और अच्छा बनाएंगे। उन्होंने कहा कि पानी संरचना व जल बहाव को लेकर जो भी दिक्कत है, उसे दूर किया जाएगा। तकनीकी अधिकारियों की टीम के साथ कुदरगढ़ जाकर संपूर्ण परिस्थितियों का अध्ययन कर उस अनुरूप विकास व निर्माण कार्य कराने की जानकारी कलेक्टर ने दी। उन्होंने कहा कि कुदरगढ़ श्रद्घा व आस्था का केंद्र है, इसलिए इसे और बेहतर बनाया जाएगा।
सतपुड़ा-मैकल श्रेणी के विस्तार का भाग
भूगोलविद् व संत गहिरागुरु विवि के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ. अनिल सिन्हा ने बताया कि सूरजपुर जिले का कुदरगढ़ पहाड़ देश के सतपुड़ा-मैकल श्रेणी के विस्तार का भाग है, किंतु हसदो नदी घाटी में इस रेंज को विखंडित किया है। छत्तीसगढ़ के धरातलीय मानचित्र में यह भाग चांगभखार-देवगढ़ हिल रेंज में आता है। सभी पर्वत श्रृंखलाएं एक ब्लाक पर्वत हैं। इनका उद्यम भूगर्भित इतिहास में गोंडवाना उत्थान काल में ही हुआ है।
यही कारण है कि यहां आसपास में कोयले के खानों का विस्तार है। मंगलवार को हुई घटना जल बहाव की है। पहाड़ के चट्टान मौसमी विविधताओं से छोटे-छोटे दुकड़ों में मिट्टी परत के नीचे दबे हुए हैं। तेज बारिश से पहाड़ी क्षेत्र की मिट्टी गुरुत्व बल से तेजी से नीचे प्रवाहित होने लगी, जिससे मिट्टी परत के नीचे की चट्टान परतें भी उखड़ गई हैं। जल के साथ बड़े चट्टानी बोल्डर भी निचले ढाल तक प्रवाहित होकर आ गए हैं।