नईदुनिया प्रतिनिधि, कोरबा। धान का समर्थन मूल्य बढ़ने से खरीफ में दहल और तिलहन की उपज में 30 प्रतिशत की कमी आई है। इसे भरपाई करने के लिए जिला कृषि विभाग ने बीते वर्ष की तुलना में इस बार दोनों ही फसल के रकबा में भी बढोतरी की है। बीते साल 6,690 हेक्टयर में अरहर, तिवरा, और मूंग लगाई गई थी। इस साल 7,823 हेक्टेयर में बोआई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
लक्ष्य के विरुद्ध 3267 हेक्टेयर में बोआई भी जा चुकी है। 100 से भी अधिक ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर निर्माण से सिंचित रकबा में वृद्धि हुई है।सिंचित जगहों को चिन्हांकित कर दलहन की खेती के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। खास बात यह है कि इस वर्षा अधिक होने से फसल पकने के बाद भी खेतों में नमी बरकरार है। दलहन प्रजाति में तिवरा की बोआई किसानों ने बढ़चढ़ कर की है।
जिला कृषि विभाग की ओर से निशुल्क बीज प्रदान किए जाने रकबा में 932 हेक्टेयर रकबा में वृद्धि हुई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि अनाज के बजाए दलहन फसल का उत्पादन रबी में बढ़ेगा। ठंड बढ़ने के साथ गेहूं की बोआई की जाती हैं। खेतोें में धान की फसल पूरी तरह से तैयार नहीं होने से कटाई रफ्तार नहीं पकड़ी है। पखवाड़े भर के भीतर धान कटाई पूरी हो जाएगी इसके बाद ही गेहूं की बोआई में तेजी आएगी। अभी तक 52 हेक्टयर में बोआई की जा चुकी है। मक्का बोआई के लिए इस बार 2,170 हेक्टयर रकबा तय किया गया है।
दलहन खेती में किसानों की स्थिति मजबूत करने के लिए उन्हे मसूर खेती से जोड़ा जा रहा। जिले में 367 एकड़ भूमि में प्रदर्शन खेती की जाएगी। इतनी ही संख्या में चयनित किसानों को निश्शुल्क बीज प्रदान किया जाएगा। नवंबर माह से शुरू होने वाली खेती के लिए किसानों का चिन्हांकन होगा। कृषि भूमि में सिंचाई और फेंसिंग की सुविधा के आधार पर किसानों का चयन किया जा रहा है।
दलहन और तिलहन की बोआई से पौष्टिकता के विकल्प खुलते हैं। ग्रीष्म धान की तुलना में इसकी कीमत अधिक मिलती है। कृषि विज्ञान की दृष्टि से इन फसलों के उत्पादन से शरीर को प्रोटीन व विटामिन की आपूर्ति तो होती ही है, साथ खेतों में फसल चक्र परिवर्तन से यानी धान के बदले दलहन तैयार करने से बेहतर उपज मिलता है।
किसानों को कम पानी में अच्छी फसल को प्रेरित करने के लिये जिला कृषि विभाग ने इस बार भी रबी में धान के रकबा को शून्य कर दिया है। मक्का की बोआई के लिए जिले में इस बार 2170 हेक्टेयर रकबा निर्धारित किया गया है वहीं गेहूं के लिए 1940 हेक्टेयर रकबा निर्धारित है। निर्धारित रकबा के अनुसार खाद व बीज उपलब्ध कराई जा रही है। बीते वर्ष की तुलना में दोनों ही फसल के रकबा को 500-500 हेक्टेयर बढ़ाया गया है।
फसल लक्ष्य प्रगति
गेहूं 1940 52
मक्का 2170 2
दलहन 7,823 2,654
सब्जी 21300 2342