ITR Filing: अभी इनकम टैक्स रिटर्न भरने का टाइम चल रहा है। अगर आपने अभी तक ITR फाइन नहीं किया है तो जल्दी से भर दीजिएगा। आज हम आपको इससे जुड़ी एक आवश्यक जानकारी दे रहे हैं। जो आपको ITR फाइल करते समय काम आएगी। टैक्स रिटर्न भरते समय आपको डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है। कई बार जानकारी के अभाव में सही डॉक्यूमेंट्स भूल जाते हैं। आईटीआर डॉक्यूमेंट्स अलग-अलग टैक्सपेयर के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं, क्योंकि आपकी इनकम और इन्वेस्टमेंट वगैरह अलग-अलग होंगी। आइये जानते हैं कि आपको कौन-कौन से डॉक्यूमेंट्स तैयार करने होंगे।
1.इनकम एंड इन्वेस्टमेंट प्रूफ
2.टैक्स स्टेटमेंट
3.पर्सनल डीटेल्स
यह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से इशू किया जाने वाला इंपॉर्टेंट डॉक्यूमेंट है। पैन बैंक अकाउंट से लिंक होना चाहिए। हालांकि, अब आप आधार कार्ड से भी आईटीआर फाइल कर सकते हैं, लेकिन आपके पैन कार्ड और आधार लिंक होने चाहिए।
आईटीआर फाइल करते समय आपको अपने सभी बैंक अकाउंट की जानकारी देनी होगी। जैसे बैंक का नाम, अकाउंट नंबर, IFSC कोड और आपके कितने अकाउंट हैं, ये सब बताना होगा। इसके साथ ही ये भी बताना होगा कि टैक्स रिफंड आपको किस अकाउंट में चाहिए। आपको बैंक स्टेटमेंट या पासबुक की कॉपी देनी होगी।
सैलरीड इंप्लॉईज को स्पेशली इसका इंतजार होता है। ये इंप्लॉयर जारी करता है, जिसमें आपकी सैलरी और TDS डिडक्शन की डीटेल होती है। इसमें दो पार्ट होते हैं। ए और बी, पार्ट ए में कितना टैक्स कटा है, इंप्लॉयर का पैन और टैन क्या है, ये बताते हैं। पार्ट बी में ग्रोस सैलरी ब्रेकअप, एक्जेम्पशन वगैरह की डीटेल होती है। यह तीन प्रकार का होता है। इंटरेस्ट की जानकारी फॉर्म 16ए में होती है। वहीं, अगर आप कोई प्रॉपर्टी बेचते हैं तो आपका बायर आपको फॉर्म 16बी देता है। फॉर्म 16सी में रेंट पर टीडीएस डिडक्शन की डीटेल होती है। वहीं, फॉर्म 26 एएस टैक्स पासबुक जैसा होता है। इसमें आपने जितना भी टैक्स जमा किया है, उसकी डीटेल होती है।