India Forex Reserves: देश की अर्थव्यवस्था फिर से रफ्तार पकड़ रही है। RBI ने शुक्रवार को ताजा आंकड़े जारी करते हुए बताया कि 14 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 165 करोड़ डॉलर (13.5 हजार करोड़ रुपये) की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 58641 करोड़ डॉलर (48.1 लाख करोड़ डॉलर) पर पहुंच गया। इससे पहले 7 अप्रैल को समाप्त होने वाले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 630 करोड़ डॉलर (51.7 हजार करोड़ रुपये) बढ़ा था।
विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर जारी भारतीय रिजर्व बैंक के डाटा के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार नौ महीने के सबसे उच्चतम स्तर 586.4 बिलियन डॉलर पर जा पहुंचा है। विदेशी करेंसी एसेट्स (FCA) में भी 1.58 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी देखने को मिली है और ये बढ़कर 516.63 अरब डॉलर पर जा पहुंचा है। दूसरी ओर, भारत के सोने के रिजर्व में 5.21 मिलियन डॉलर की गिरावट आई है और ये घटकर 46.17 बिलियन डॉलर पर जा पहुंचा है।
भारतीय रुपये की बात करें तो लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में यह मजबूत हुआ है। शुक्रवार को कच्चे तेल में गिरावट के बाद यह अमेरिकी डॉलर की तुलना में 8 पैसे मजबूत होकर 82.09 रुपये पर पहुंच गया। दो कारोबार सत्रों में रुपया 15 पैसे मजबूत हुआ है। ग्लोबल ऑयल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 0.15 फीसदी गिरकर 80.98 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ऐतिहासिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। उसके बाद से वैश्विक घटनाक्रमों और रुपये की दर में तेज गिरावट को रोकने की कोशिश में इसमें गिरावट हुई है। विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले महीनों में जो कमी आई है, उसकी एक वजह ये भी है कि आयात महंगा हुआ है। साथ ही आरबीआई और फेड रिजर्व के सख्त मॉनिटरी पॉलिसी के चलते रुपया कमजोर हुआ है। उसकी गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई ने समय-समय पर लिक्विडिटी मैनेजमेंट के जरिए मार्केट में डॉलर बेचकर दखल दी, ताकि घरेलू करेंसी को और कमजोर होने से बचाया जा सके।