SBI सहित इन बैकों ने दिया ग्राहकों को झटका, इस फैसले से बढ़ेगा EMI का बोझ
महंगाई पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक मई माह से अभी तक 4 बार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर चुका है। RBI ने सितंबर में चौथी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया था।
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Tue, 18 Oct 2022 10:49:39 AM (IST)
Updated Date: Tue, 18 Oct 2022 10:49:53 AM (IST)
MCLR of banks । दीपावली से पहले कई बैकों ने अपने ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) सहित प्राइवेट बैंक जैसे कोटक महिंद्रा और फेडरल बैंक ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में बढ़ोतरी कर दी है। इस कारण से बैंक ग्राहकों के पर्सनल लोन व होम लोन की ईएमआई में बढ़ोतरी हो जाएगी। गौरतलब है कि लगातार बढ़ती महंगाई के बीच बैंकों के इस फैसले से सीधा असर बैंक ग्राहकों की जेब पर ही होगा।
SBI का MCLR अब 7.95 फीसदी
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अब सालाना अवधि के लिए MCLR को 0.25 फीसदी बढ़ाकर 7.95 फीसदी कर दिया है। बैंक की ये नई दरें 15 अक्टूबर 2022 से लागू हो जाएंगी। स्टेट बैंक ने दो और तीन साल वाले MCLR को भी बढ़ाकर क्रमश: 8.15 फीसदी और 8.25 फीसदी कर दिया है। गौरतलब है कि ये पहले 7.90 प्रतिशत और 8 प्रतिशत थी। साथ ही SBI ने दो और तीन साल के MCLR को बढ़ाकर क्रमशः 8.15 फीसदी और 8.25 फीसदी कर दिया है, इससे पहले MCLR दरें 7.90 प्रतिशत और 8 प्रतिशत थीं।
इन बैंकों ने MCLR दरों में किया बदलाव
कोटक महिंद्रा बैंक ने कहा कि विभिन्न अवधि के लिए MCLR 16 अक्टूबर 2022 से 7.70 से बढ़ाकर 8.95 फीसदी किया गया है। 1 साल की अवधि वाले कर्ज पर कोटक महिंद्रा बैंक ने ब्याज दर को बढ़ाकर 8.75 फीसदी कर दिया है। कोटक महिंद्रा बैंक के अलावा फेडरल बैंक ने भी लोन और एडवांस पर 1 वर्ष की अवधि वाले MCLR में बदलाव कर 16 अक्टूबर से कर 8.70 प्रतिशत कर दिया है।
जानें क्या होता है, जब बढ़ जाती है MCLR दरें
दरअसल जब भी किसी बैंक की MCLR दरें बढ़ाई जाती है तो ऐसा करने से कार लोन, पर्सनल लोन और होम लोन महंगा हो जाता है। इसका सीधा असर ग्राहक की ईएमआई पर आती है। नए लोन लेने वालों के लिए MCLR का बढ़ना अच्छा नहीं माना जाता है क्योंकि उन्हें महंगा कर्ज मिलने के कारण ईएमआई की अवधि भी ज्यादा लंबे समय के लिए हो जाती है। मौजूदा ग्राहकों के लिए लोन की ईएमआई तब बढ़ेगी, जब लोन रीसेट की डेट आएगी। MCLR वो न्यूनतम दर है, जिस पर बैंक ग्राहकों को कर्ज ऑफर करते हैं।
बैंकों ने इस कारण से बढ़ाई अपने MCLR दरें
दरअसल महंगाई पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक मई माह से अभी तक 4 बार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर चुका है। RBI ने सितंबर में चौथी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया था। आरबीआई के इस फैसले से फिलहाल रेपो रेट 5.90 फीसदी हो गया है और यही कारण है कि अब बैंक भी महंगा कर्ज दे रहे हैं।