बिजनेस डेस्क, इंदौर। इंडसइंड बैंक के निवेशकों को जोर का झटका लगा है। इसका कारण कंपनी के तिमाही नतीजे हैं, जो अच्छे नहीं रहे। कंपनी के खराब प्रदर्शन की वजह से कंपनी के शेयर में भारी गिरावट आई है। इंडसइंड बैंक को ज्यादा लागत, जोखिम भरे लोन और धीमी ग्रोथ की वजह से यह कष्ट भरे दिन देखने पड़ रहे हैं।
इंडसइंड बैंक में खबर लिखे जाने तक (12.40 बजे तक) 19.39 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। बैंक का प्रदर्शन दूसरे बैंकों की तुलना में बहुत ही खराब रहा है। इन नतीजों के बाद बैंक के शेयर NSE पर ₹1,039 के निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं। विशेषज्ञों ने इन हालातों को देखते हुए बैंक के शेयर का टारगेट प्राइस कम कर दिया है।
एचडीएफसी बैंक का तिमाही रिजल्ट बहुत ही शानदार रहा है। वह अब भी भारत के सबसे मूल्यवान बैंक के तौर पर शीर्ष पर कायम है। उसका मार्केट कैप 13.25 लाख करोड़ है। उसके बाद आईसीआईसीआई बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का नंबर आता है।
इंडसइंड बैंक का Q2FY25 रिजल्ट कमजोर रहा, जिसमें प्रावधानों में वृद्धि, अन्य आय में गिरावट और उच्च-लाभकारी ऋणों की धीमी वृद्धि निवेशकों को दिखी। यही कारण रहे कि निवेशकों के मन में कंपनी के भविष्य के प्रति डर दिख रहा है। इसके अलावा बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) बढ़ती लागत के चलते घटकर 4.08% हो गया, जिससे वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ा है।
PSU बैंकों में बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी, आईओबी, यूनियन बैंक, और कैनरा बैंक ने पिछले एक साल में शानदार प्रदर्शन किया है। उनका मार्केट कैप बढ़कर ₹1 लाख करोड़ के पार पहुंच गया है।