बिजनेस डेस्क, इंदौर (PF Fund Transfer Scheme)। हर नौकरीपेशा व्यक्ति का पीएफ अकाउंट होता है। इसमें हर माह कर्मचारी के मूल वेतन में से 12 प्रतिशत राशि जमा होती है, इतनी ही राशि कंपनी अपनी ओर से भी जमा करती है। पीएफ निवेश का एक बेहतर विकल्प है। कई बार देखने में आता है कि कई कर्मचारी तीन से चार साल बाद ही नौकरी बदल लेते हैं। इस दौरान वे अपने पीएफ अकाउंट से पूरा पैसा भी निकाल लेते हैं।
ईपीएफओ (EPFO) के नियम के अनुसार ऐसा करने पर उनकी पीएफ सदस्यता खत्म हो सकती है। यदि कर्मचारी पीएफ नए अकाउंट में ट्रांसफर करवाते हैं, तो उन्हें दोहरा लाभ मिल सकता है। यहां आपको बताते हैं, नौकरी बदलने के दौरान आपके पास क्या विकल्प मौजूद होते हैं।
नौकरी बदलने के दौरान पीएफ से पूरा पैसा निकालने के बजाए आप पीएफ फंड ट्रांसफर करवा सकते हैं। इससे आपको जमा फंड पर कंपाउंड ब्याज मिलता रहेगा। साथ ही ईपीएफ की सदस्यता भी निरंतर बनी रहेगी। इतना ही नहीं आप 10 साल लगातार नौकरी के बाद EPFO की पेंशन पाने के भी हकदार बन जाते हैं।
उदाहरण के तौर यदि आपका मूल वेतन 15 हजार रुपये है और आप और आपकी कंपनी की ओर से करीब 3600 रुपये हर माह पीएफ खाते में जमा होते हैं। पीएफ अकाउंट पर फिलहाल 8.35 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। इसके अनुसार, 15 साल बाद आपको करीब 12 लाख 94 हजार रुपये मिल सकते हैं।
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इसके अलावा 30 साल बाद आपको 55 लाख 46 हजार और 40 साल बाद आपको 1 करोड़ 29 लाख रुपये से अधिक राशि मिल सकती है। यहां बता दें कि यह राशि आपको तभी मिलती है, जब आपका पीएफ खाता रेग्युलर हो, इसमें हर माह राशि जमा होती हो।
पीएफ अकाउंट पर आपको न सिर्फ अच्छे ब्याज का फायदा मिलता है, बल्कि आयकर पर छूट भी मिलती है। दरअसल, पीएफ पर मिलने वाले ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि को आयकर से मुक्त रखा गया है।
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