Ujjain News: नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। लोकायुक्त ने उज्जैन नगर निगम के चार इंजीनियरों, एक कर्मचारी व तीन अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। आरोपित अधिकारियों ने एक महिला व उसके दो पुत्रों को फर्जी तरीके से आवास आवंटित कर दिए। तीनों ने एक महिला की जमीन पर कब्जा कर उसका फर्जी बंटवारा कर नोटरी भी करवा ली और नगर निगम को सौंप दी। मामले में डीएसपी राजेश पाठक ने जांच के बाद कार्रवाई की है।
लोकायुक्त ने बताया कि 17 अक्टूबर को ज्योति पत्नी गोविंद शर्मा निवासी शनि मंदिर के पास डालडा फैक्ट्री मक्सी रोड ने शिकायत की थी। इसमें कहा कि नगर निगम के इंजीनियरों व कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फर्जी तरीके से सुगनबाई पत्नी देवीसिंह व उसके दो पुत्रों गोरधन व रामसिंह तीनों निवासी प्रेम नगर गैस गोडाउन के पीछे मक्सी रोड़ को आवास आवंटित कर दिए। जिस जमीन पर बने आवास के लिए महिला व उसके पुत्रों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राशि आवंटित की गई है वह जमीन ज्योति शर्मा की है। ज्योति के पास जमीन की रजिस्ट्री भी है।
शिकायत के बाद डीएसपी राजेश पाठक को जांच का जिम्मा सौंपा गया था। जांच में सामने आया कि सुगनबाई व उसके पुत्र गोरधन व रामसिंह ने जमीन का बंटवारा कर उस पर मकान निर्माण किया है। जमीन बंटवारे की फर्जी नोटरी भी करवाई गई है, जिसे नगर निगम को सौंपा गया है। मामले में नगर निगम के कार्यपालन यंत्री साहिल मैदावाला, हर्ष जैन, उपयंत्री सौम्या चतुर्वेदी, राजकुमार राठौर, समयपाल भगवानसिंह चौधरी तथा आवास योजना का फर्जी तरीके से फायदा उठाने वाली सुगनबाई पत्नी देवीसिंह, गोरधन सिंह व रामसिंह के खिलाफ धारा 13 (1) ए. 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018 ) 409, 420, एवं 120 बी के तहत केस दर्ज किया है।
डीएसपी पाठक के अनुसार, मामले में नगर निगम में पदस्थ तत्कालीन प्रधानमंत्री आवास योजना के लिपिक, उपयंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री, अधीक्षण यंत्री, अंकेक्षक तथा नोटरी अधिवक्ताओं की संलिप्तता के संबंध में भूमिका की जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आरोपित सुगनबाई व उसके दोनों पुत्र गाेरधन व रामसिंह ने अलग-अलग आवेदन किए थे। नियमानुसार एक ही परिवार के सदस्य होने पर विवाहित को ही राशि मिल सकती है, जबकि रामसिंह अविवाहित था। उसे भी फर्जी ढंग से लाभ पहुंचाया गया है। वहीं तीनों को ढाई-ढाई लाख रुपये मिलना था। तीनों आरोपितों को एक-एक लाख् रुपये की दो किस्त मिल चुकी थी। इस तरह तीनों को कुल छह लाख रुपये मिले थे। वहीं 50-50 हजार रुपये की एक-एक किस्त और मिलना बाकी थी।
मामला सामने आने के बाद नगर निगम तीनों आरोपितों से रुपये वसूली के लिए नोटिस जारी कर चुका है। जांच में सामने आया है कि यह पहला मामला नहीं है, इस तरह के कई मामले हैं, जिनमें फर्जी ढंग से आवंटन कर शासन को लाखों रुपये का चूना लगाया गया है। जांच में पता चला है कि एक मृत व्यक्ति के नाम पर भी राशि आवंटित की गई है, जिसकी जांच की जा रही है। मामले में संबंधितों को आरोपित बनाया जाएगा।
सेठीनगर निवासी सुगनबाई पत्नी रमेशचंद्र व्यास द्वारा भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गलत जानकारी देकर अनुदान लेने का मामला सामने आया है। नगर निगम के जोन नंबर चार के जोनल अधिकारी ने सुगनबाई को नोटिस जारी किया था। महिला के मकान नंबर 218 सेठीनगर पर गलत जानकारी देकर दो लाख रुपये का अनुदान लिया है। महिला ने सही जानकारी छुपाकर शपथ पत्र व विक्रय पत्र प्रस्तुत किए थे, जबकि पूर्व से ही स्वामित्व को लेकर विवाद है। जिस पर निगम ने जारी नोटिस में जल्द ही राशि जमा करने का उल्लेख किया है।