Surya Grahan 2020 : जबलपुर। 5 जून को चंद्रग्रहण, 21 जून को सूर्यग्रहण और 5 जुलाई को चंद्रग्रहण। एक महीने में तीन ग्रहण से लोग भले ही भयभीत हों लेकिन सूर्यग्रहण अपना प्रभाव दिखाने के बाद महामारी से भी मुक्ति देगा। इस समय वैश्विक महामारी कोरोना से लोग घबराए हुए हैं और भारत में भी इसके मरीज बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच सूर्यग्रहण को ज्योतिष नजरिये से देखने वाले गणक यह भी बता रहे हैं कि इसके बाद कोरोना का प्रकोप धीरे-धीरे शांत होने लगेगा। ग्रहण मृगशिरा एवं आर्द्रा नक्षत्र तथा मिथुन में रहेगा। हालांकि 5 जुलाई को पड़ने वाला चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।
21 जून को पड़ने वाला सूर्यग्रहण भारत में दिखाई देगा। यह ग्रहण मिथुन राशि में लग रहा है इससे मिथुन राशि वाले लोग पीड़ित होंगे। ऐसे में परेशानियां भी बढ़ सकती हैं। इसके अतिरिक्त सीमा विवाद, तनाव जैसी स्थिति की तरफ भी इशारा करते हैं। 15 दिन में दो ग्रहण कई क्षेत्रों में हानि का सूचक भी होता है। इसलिए इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए भगवान शिव और भगवान विष्णु की उपासना करना चाहिए। ऐसा करने से सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
शनि, शुक्र, गुरु और बुध की वक्री चाल
मिथुन राशि में होने जा रहे इस ग्रहण के समय मंगल मीन राशि में स्थित होकर सूर्य बुध चंद्रमा और राहु को देखता है जो कि अशुभ संकेत है। ग्रहण के समय शनि शुक्र गुरु और बुध अपनी वक्री चाल में चल रहे हैं। गुरु नीच का होकर सूर्य से अष्टम होंगे। यह स्थिति पूरे विश्व के लिए उथल-पुथल मचाने का काम करेगी ।
ग्रहण का राशियों पर प्रभाव
मेष, सिंह, कन्या, मकर राशियों पर ग्रहण शुभ रहेगा जबकि वृषभ, तुला, धनु व कुंभ राशि वालों के लिए मध्यम प्रभाव रहेगा। मिथुन, कर्क, वृश्चिक व मीन राशि वालों के लिए ग्रहण अशुभ रहेगा। इस ग्रहण के अशुभ प्रभाव से प्राकृतिक आपदा आ सकती है।
इस समय लगेगा सूर्यग्रहण
ग्रहण शुरु होने का समय- सुबह 10ः18 बजे
परमग्रास- दोपहर 12ः10 बजे
ग्रहण खत्म होने का समय- दोपहर 2ः2 बजे
खण्डग्रास की अवधि- 3 घंटे 44 मिनट
सूर्यग्रहण का सूतक काल- 20 जून रात 10ः18 बजे से
सूतक समाप्त- 21 जून दोपहर 2ः2 बजे तक
शास्त्र में कहा जाता है कि ग्रहण के पश्चात महामारी रोग आदि का प्रकोप शांत होने लगता है। परंतु सूर्यग्रहण प्रलयजन्य होता है। भगवान की आराधना से परेशानी कम होगी। -पंडित सौरभ दुबे, ज्योतिषाचार्य