
पीएम आवास की किस्त के लिए परेशान हो रहे हितग्राही, दूसरी किस्त का इंतजार
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वार्ड नंबर 25 में अमर उइके का अधूरा मकान
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वार्ड 17 में हितग्राही रमेश साहू के खाते में नहीं आई रकम
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अमर उइके और रमेश साहू के नाम से
छिंदवाड़ा। हर आदमी का सपना होता है कि उसका अपना एक आशियाना हो, लेकिन लॉकडाउन के कारण ये सपना दूर की कौड़ी साबित हो रहा है। हालत ये है कि हितग्राही ने नए आवास के लिए अपना पुराना आशियाना तोड़ दिया, अब हितग्राही नए घर की पहली किस्त के लिए नगर निगम कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। इस पर भी समस्या ये है कि बारिश का मौसम आने वाला है, ऐसे में हितग्राही के सामने सिर छुपाने के लिए जगह भी नहीं बची है। वहीं नगर निगम के अधिकारी इस वास्तविकता को मानने से इंकार कर रहे हैं। नगर निगम के आयुक्त हिमांशु सिंह के मुताबिक मई महीने तक एक हजार आवेदन उनके पास पेंडिंग हैं, जबकि दूसरी किस्त के तहत 732 हितग्राहिया के खाते में 17 करोड़ रुपये आ चुके हैं। अभी नगर निगम क्षेत्र मे ही करीब एक हजार हितग्राही अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। नव दुनिया ने जब इसे लेकर जमीनी हकीकत पता की तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। बारिश के पहले मकान बन जाए इसके लिए सितंबर में ही हितग्राहियों ने अपने प्रस्ताव जमा कर दिए थे, लेकिन अभी तक राशि उनके खाते में नहीं आई है। गौरतलब है कि पीएम आवास के तहत ढाई लाख रुपये हितग्राही के खाते में आते हैं, जिसमें पहली किस्त एक लाख रुपये आते हैं, लेकिन अभी तक खाते में एक भी रुपये नहीं आए हैं।
6 महीने बाद भी नहीं आई रकम
वार्ड नंबर 25 में रहने वाले अमर उइके दूसरे के खेत में मजदूरी का काम करता है, 6 महीने पहले ही हितग्राही ने आवेदन दिया था, लेकिन अभी तक पीएम आवास की किस्त नहीं आई। झुग्गी झोपड़ी वाला जो पुराना मकान था, उसको भी तुड़वा दिया। अब हालत ये है कि बारिश होगी तो सिर छुपाने की जगह नहीं है। चिंता की बात ये है कि जो मकान अभी किराए से लिया है, उसके एवज में तीन हजार रुपये देना है, 6 महीने में 18 हजार हजार रुपये किराया ही दे चुके हैं। ऐसे में अब वो किराया देने मे भी सक्षम नहीं है, जुलाई के पहले मकान बन जाने की उम्मीद थी, लेकिन अब पहली किस्त के तौर पर एक लाख रुपये आने का इंतजार किया जा रहा है।
हितग्राही को है रकम का इंतजार
कुछ इसी तरह की स्थिति वार्ड नंबर 17 निवासी रमेश साहू की है। निजी कंपनी में किसी तरह काम कर अपना गुजारा करते हैं, अक्टूबर माह में ही पीएम आवास के लिए मकान तुड़वा दिया था, लेकिन खाते में एक रुपये भी नहीं आए हैं। जिसके कारण हितग्राही परेशान हो रहा है। वहीं दूसरी ओर 6 महीने से किराया चुकाने के कारण आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई है। ऐसे में हितग्राही के सामने परिवर के लालन पालन में ही 5 हजार रुपये खर्च होंगे और मकान की किस्त के पैसे अलग से देने होंगे।
इनका कहना हैं
पहली किस्त के तौर पर 732 हितग्राहियों के खाते में रकम आ चुकी है, बिना रकम आए मकान नहीं तोड़ने दिया जाता है। एक हजार हितग्राहियों के खाते में रकम आना बाकी है। जल्द ही रकम आने की उम्मीद है।
हिमांशु सिंह, कमिश्नर नगर निगम