Imran Khan Pakistan News: पाकिस्तान में संवैधानिक संकट बना हुआ है। इमरान खान ने असंवैधानिक कदम उठाते हुए अपनी कुर्सी बचा ली और मनमानी करने की कोशिश की, जिसके खिलाफ विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वहीं सेना पर भी नजर है और आशंका जताई जा रही है कि संवैधानिक ताकतों में टकराव बना रहा तो सेना कभी भी तख्तापलट कर सकती है।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को पाक सुप्रीम कोर्ट में बड़ा झटका, 5 जजों की बेंच ने फुल बेंच की मांग सिरे से ठुकराया
सुनवाई के दौरान पाक सुप्रीम कोर्ट के जजों ने कहा कि यदि बेंच से आपत्ति है तो हम चले जाएंगे। फुल बेंच की सुनवाई से शेष मामले प्रभावित होते हैं।
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के जजों ने पीपीपी पार्टी के वकील को फटकार लगाई, कोर्ट की सुनवाई के दौरान राजनीतिक बातें न करें।
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच संसद भंग करने के मामले में सुनवाई कर रही है।
पांच जजों की बेंच ने कहा, संसद में कल जो भी हुआ उसकी समीक्षा करना बेहद जरूरी है और सभी पक्षों की राय जानकर हम आज ही सही आदेश जारी करेंगे।
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में संसद भंग करने के मामले में सुनवाई शुरू
सुप्रीम कोर्ट में थोड़ी देर में सुनवाई होगी। इससे पहले इस्लाबामाद को सेना के हवाले कर दिया गया है। रविवार को हुई सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में जजों ने कहा था कि देश की सुरक्षा अब सेना के हवाले की जाती है।
सुप्रीम कोर्ट की अहम सुनवाई से पहले विपक्षी नेताओं ने एक बार फिर इमरान खान पर हमला बोला। शाहबाज शरीफ ने कहा कि इमरान खान ने असंवैधानिक काम किया है और इमसें डिप्टी स्पीकर ने साथ दिया। बिलावल भुट्टो ने भी सरकार को घेरा।
इमरान खान अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नहीं है। अभी उनका दर्जा कार्यवाहक प्रधानमंत्री का है। इमरान खान के पीएम पद से हटते ही उनके करीबियों में हड़कंप मच गया है। ताजा खबर है कि इमरान खान की बीवी बुशरा बीबी की करीबी महिला फराह खान ने पाकिस्तान छोड़ दिया है। फराह खान और उनके कुछ करीबी दुबई चले गए हैं। इन पर भ्रष्टाचार के केस चल रहे हैं।
342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए 172 सदस्यों की जरूरत है। इमरान खान ने 179 सदस्यों के समर्थन से सरकार बनाई थी। इसमें उनकी पार्टी के 155 सदस्य और शेष सहयोगी दलों के सदस्य थे, जिसमें मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के सात और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्यू (पीएमएल-क्यू) के पांच सदस्य शामिल थे। लेकिन एमक्यूएम विपक्ष के साथ चला गया और इमरान की पार्टी के भी कम से कम दो दर्जन सदस्य उनके खिलाफ हो गए थे। इस तरह इमरान के पक्ष में 142 सदस्यों के ही रहने का अनुमान था। वहीं, विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की नेता मरियम ने 174 सदस्यों के समर्थन का दावा किया था।
अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) की बैठक को संबोधित करते हुए इमरान खान ने फिर कहा कि उनकी सरकार को गिराने की साजिश में अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू शामिल थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के दौरान यह सामने आया था कि अविश्वास प्रस्ताव के जरिये घरेलू राजनीतिक में विदेशी ताकत द्वारा हस्तक्षेप किया जा रहा था। लू अमेरिकी विदेश मंत्रालय में दक्षिण एशिया के मामलों को देखते हैं। इमरान ने पहले भी यह आरोप लगाया था, जिसे विपक्षी दलों के साथ ही अमेरिका ने भी गलत बताया था।
सियासी लड़ाई को आखिरी दम तक लड़ने का दम भरने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान रविवार को विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान का सामना किए बिना ही मैदान से हट गए। उन्होंने नेशनल असेंबली में डिप्टी स्पीकर द्वारा अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बाद राष्ट्रपति से सदन भंग करने की सिफारिश कर दी, जबकि संवैधानिक रूप से वे ऐसा नहीं कर सकते थे। विपक्ष ने डिप्टी स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के आदेश पर कोई फैसला नहीं दिया, लेकिन सभी पक्षों को असंवैधानिक कदम उठाने से रोकते हुए सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी।
नेशनल असेंबली को भंग करने के संबंध में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति द्वारा शुरू किए गए सभी आदेश और कदम अदालत के आदेश के अधीन होंगे। -पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट
-कानून मंत्री फवाद चौधरी ने कहा, डिप्टी स्पीकर का फैसला अंतिम, उसे अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती
विपक्ष शुरू से आशंका जता रहा था कि डिप्टी स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर सकते हैं। रविवार को हुआ भी ऐसा ही। इस मामले पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीप) के अध्यक्ष अध्यक्ष बिलावल भुट्टो का कहना है कि इमरान ने संविधान को तोड़ा है। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होने तक सदन में धरना देने की बात भी कही है।