हाल ही में हरदा शहर में मगरधा रोड पर स्थित एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार सुबह विस्फोट के बाद भीषण आग लग गई।
फैक्ट्री में आतिशबाजी के लिए रखे बारूद के संपर्क में आकर आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आसपास के 50 से ज्यादा घरों में आग लगी है।
पटाखे जोखिम भरे और खतरनाक होते हैं। इससे पहले भी ऐसा कई बार हो चुका है, जब पटाखा फैक्ट्री में काफी बड़ा धमाका हुआ है।
साल 2000 में एन्शेडे के एक शहर में एक पटाखा फैक्ट्री में छोटी सी आग लगी थी, जिसने कुछ ही समय में विकराल रूप धारण कर लिया। इसमें 23 लोग भी मारे गए और 947 लोग घायल हो गए।
साल 2011 में नॉर्थ में एक 41 वर्षीय व्यक्ति ने मोर्टार-स्टाइल में आतिशबाजी की। जिसके कारण वे पटाखे जमीन पर ही फट गए और ऑन द स्पॉट उस व्यक्ति का सिर धड़ से अलग हो गया।
साल 2013 में पटाखे ले जा रहे एक ट्रक में विस्फोट होने से एक दर्जन से अधिक लोग मारे गए और कई लोग घायल हुए। इस हादसे का मलबा 100 मीटर तक फैला था।
2007 में टोनी रोजर्स नाम के एक व्यक्ति ने अपने टेंट में ही पटाखे जलाने का प्रयास किया, जिसके कारण जोरदार विस्फोट हुआ, इस हादसे में कई लोग घायल हुए।
भारत के शिवकाशी शहर में 700 से ज्यादा पटाखा फैक्ट्रियां हैं। यहां साल 2012 में एक फैक्ट्री में जब मजदूर अत्यधिक गर्म कमरे में खतरनाक रसायनों को मिला रहे थे, तो अचानक आग फैल गई।
आग इतनी भयंकर थी कि इस पर काबू पाने में पांच घंटे लग गए। इस घटना में 40 लोगों की मौत हो गई और 70 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
साल 2011 में नॉर्थ में एक 41 वर्षीय व्यक्ति ने मोर्टार-स्टाइल में आतिशबाजी की। जिसके कारण वे पटाखे जमीन पर ही फट गए और उस व्यक्ति का सिर धड़ से अलग हो गया।