अपने देखा होगा कि व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद अंतिम संस्कार में मटकी को फोड़ा जाता है, लेकिन आखिर ऐसा क्यों किया जाता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
हिंदू धर्म में कुल सोलह संस्कार किया जाता है। इंसान के जन्म लेने से मृत्यु तक कुल सोलह संस्कार होते है और मटकी फोड़ना आखिरी संस्कार होता है।
अंतिम संस्कार के दौरान शव को चिता पर लेटा कर उसके चारों ओर परिक्रमा की जाती है।
पहले दाह संस्कार खेत में किया जाता था इसलिए मटकी में पानी डालकर चारों ओर घूमा जाता था ताकि खेत में आग न लगें।
दाह संस्कार के दौरान मटकी फोड़ने के आलवा कुछ और नियमों को बताया गया है जिसका पालन करना अनिवार्य होता है।
मान्यताओं के अनुसार सूर्यास्त के बाद शव को नहीं जलाया जा सकता है। सूर्यास्त के बाद शव को जलाना माना है।