फ्रोजन फूड्स बनाने और खरीदने की मांग तेजी से बढ़ रही है। ये आसानी से पकाए और खाए जा सकते हैं। कुकिंग का समय बचाने के लिए ये अच्छा ऑप्शन है।
ज्यादातर हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इस तरह की चीजों को बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए क्योंकि ये सेहत को बड़ा नुकसान पहुंचाते हैं।
फ्रोजेन फूड्स के पैकेजिंग में आमतौर पर प्लास्टिक या अन्य रसायन का इस्तेमाल होते हैं, इन केमिकल से निकलने वाले गैस और अन्य रासायनिक पदार्थ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।
ताजी चीजों की तुलना में फ्रोजन फूड्स का टेस्ट थोड़ा बिगड़ा हुआ रहता है। इसकी वजह ये है कि इसकी ताजगी बरकरार रखने के लिए काफी ज्यादा प्रिजर्वेटिव्स यूज किए जाते हैं जो भोजन के स्वाद को बदल देते हैं।
फ्रोजेन फूड्स को बनाने के दौरान, उनमें कई न्यूट्रिएंट्स निकलने लगते हैं। ऐसे में जिस फूड को आप हेल्दी डाइट समझकर खा रहे हैं, उससे शरीर को पोषक नहीं मिल पाता। बॉडी में न्यूट्रिशन की कमी हो सकती है।
फ्रोजेन फूड्स में आमतौर पर काफी ज्यादा नमक का इस्तेमाल किया जाता है, साथ ही इसमें ट्रांस फैट की मात्रा भी ज्यादा हो सकती है, इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।
ट्रांस फैट से आपको हार्ट अटैक का खतरा हो जाता है। इस तरह के फूड्स मोटापे और डायबिटीज को भी बढ़ावा देते हैं।