सूर्य के शुभ प्रभाव से सरकारी नौकरी मिल जाती है। शासन-प्रशासन में उच्च पद प्राप्त होता है। दफ्तर में अधिकारियों के साथ, घर में पिता के साथ अच्छे संबंध बनते हैं।
नीच का सूर्य होने से आंख एवं हृदय रोग की समस्या होने की संभावना रहती है। ज्योतिष में सूर्य ग्रह को सकारात्मक करने के लिए कुछ उपायों का वर्णन किया गया है।
जन्मकुंडली में सूर्य देव को मजबूत स्थिति में लाने के लिए प्रत्येक रविवार को सूर्य देव को जल चढ़ाने के बाद पीपल के पेड़ के नीचे चार मुंह वाला दीया जलाएं। इस उपाय को करने से सूर्य को मजबूती मिलती हैं।
सूर्य देव को मजबूत स्थिति में लाने के लिए रविवार को आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें। इस पाठ के साथ ही ‘ऊं सूर्याय नम:,’ ‘ऊं ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः,’ ‘ऊं घृणि: सूर्यादित्योम’ और ‘ऊं ह्रां ह्रीं ह्रौं
सूर्य के शुभ प्रभाव की प्राप्ति के लिए प्रत्येक रविवार को तांबा और गेहूं का दान किसी जरूरतमंद या गरीब को करना चाहिए। ऐसा करने से आपको सूर्य दोष से मुक्ति मिल सकती है।
प्रतिदिन सूर्य देव को जल चढ़ाने से कुंडली में सूर्य की स्थिति अच्छी होती है। सूर्य देव को जल तांबे के पात्र में पिसी हुई हल्दी डालकर चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य की कृपा प्राप्त होती है।
ज्योतिष अनुसार जन्मकुंडली में सूर्य कमजोर हो तो कभी भी रविवार के दिन तेल, नमक नहीं खाना चाहिए। क्योंकि नमक खाने से सूर्यदेव नाराज हो जाते हैं। वहीं पिता का सम्मान करना चाहिए।