सनातन धर्म में कुछ ऐसे कार्यों का उल्लेख है, जिन्हें किसी विशेष दिन या समय पर करना वर्जित होता है। उदाहरण के तौर पर रात के समय झाड़ू लगाना, गुरुवार के दिन बाल धोना आदि।
धार्मिक ग्रंथों में भी उल्लेख है कि शाम के समय सोना सही नहीं होता है। शाम के समय न सोने के पीछे कई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी है।
हिंदू धर्म में सुबह और शाम के समय को अति शुभ माना गया है। मान्यता के मुताबिक, शाम के समय धन की देवी लक्ष्मी, माता सरस्वती और माता दुर्गा का आगमन होता है।
यदि इस समय पर व्यक्ति घर में सो रहा होता है तो वह इन तीन देवियों के आशीर्वाद से वंचित रह जाता है। इसके अलावा, शाम का समय खुद का विश्लेषण करने के लिए भी होता है।
अगर शाम के समय घर के दरवाजे बंद रहते हैं तो मां लक्ष्मी का आगमन नहीं होगा। इतना ही नहींं, इस वजह से लक्ष्मी आपसे नाराज भी हो सकती हैं।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, अगर आप शाम के समय सोते हैं तो इससे आपकी पूरी लाइफ साइकिल डिस्टर्ब हो सकती है। शाम को सोने की वजह से आपकी रात की नींद भी खराब हो सकती है।
शाम के समय सोने का बुरा असर स्लीप साइकल पर पड़ता है। ऐसा करने से आपकी स्लीप साइकल डिस्टर्ब हो जाएगी और अनेक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
धार्मिक और वैज्ञानिक पक्ष को देखने के बाद आपको शाम के समय नहीं सोना चाहिए। अगर आपको इस समय सोने की आदत हो तो हेल्थ के लिए इसे तुरंत बदल लें।