शनि देव को कर्मों का फल देने वाला देवता कहा जाता है। भगवान सूर्य के पुत्र शनिदेव व्यक्ति को कर्म के अनुसार ही शुभ या फिर अशुभ फल देते हैं।
ज्योतिष में शनि ग्रह को नवग्रहों में सबसे सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है। 12 राशियों में घूमने में 30 साल का वक्त लगता है।
शनि देव हर राशि में करीब ढाई साल तक रहते हैं। हर व्यक्ति को जीवन में एक बार शनि की साढ़े साती का जरूर सामना करना पड़ता है।
शनि की साढ़े साती कई लोगों के लिए कष्टकारी साबित होते हैं। ऐसे में रोज ‘ॐ शं शनिश्चराय नम:’ मंत्र का जाप करें।
मंत्र के जाप के लिए शनिवार के दिन सुबह उठकर स्नान करें और काले वस्त्र धारण करें। तिल या सरसों के तेल का दान करें।