ज्योतिष में राहुकाल को अशुभ मुहूर्त माना जाता है। राहुकाल में कोई भी काम करते हैं तो सफलता प्राप्त होना कठिन हो जाता है
राहुकाल का अधिपति ग्रह राहु है, जो अशुभ फल प्रदान करता है। हर दिन डेढ़ घंटे का समय राहुकाल का होता है।
सूर्योदय के समय, स्थान और दिन के अनुसार राहुकाल की गणना होती है। हर दिन का अलग-अलग राहुकाल होता है।
राहुकाल में कोई नया बिजनेस, नई परियोजना या कोई भी नया काम शुरू नहीं करना चाहिए। यात्राएं नहीं करनी चाहिए, संभव हो तो उसे टाल देना चाहिए।
राहुकाल में मुंडन, उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश, विदाई, विवाह, सगाई जैसे सभी मांगलिक कार्यों को नहीं किया जाता है।
राहुकाल में कोई भी प्रॉपर्टी, वाहन, आभूषण, वस्तुओं का लेन-देन या खरीद-बेच नहीं करते हैं। राहुकाल के समय में यज्ञ करना भी वर्जित है।