पैसा जीवन की सबसे बहुमुल्य जरूरतों में से एक होता है। ऐसे में व्यक्ति हमेशा पैसे कमाने के लिए नई-नई तरकीबें ढूंढता रहता है। क्या आपको पता है कि अगर सही दिशा में स्वास्तिक बनाया जाए तो उससे धन लाभ भी हो सकता है?
स्वास्तिक शब्द में सु का अर्थ है ‘शुभ’ और अस्ति का अर्थ ‘होना’ होता है। स्वास्तिक का मौलिक अर्थ कल्याण हो, शुभ हो होता है।
स्वास्तिक के चिन्ह को घर के मुख्य द्वार पर बनाने से घर में धन, सुख-समृद्धि और शांति आती है। धार्मिक शास्त्रों में भी स्वास्तिक बनाने को बेहद शुभ माना गया है।
स्वास्तिक के चिन्ह को भगवान गणेश का प्रतीक भा माना जाता है। हिंदू धर्म में हर मंगल कार्य के समय स्वास्तिक बनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
घर की दीवार पर उत्तर की दिशा में स्वास्तिक बनाने से कभी भी धन की कमी नहीं आती है। उत्तर की दिशा भी इस कार्य के लिए बेहद शुभ मानी जाती है।
अगर आपका बच्चा पढ़ाई से भागता है और उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता है, तो सफेद कागज पर स्वास्तिक का निशान बनाकर पढ़ाई के स्थान पर रख दें।
व्यापार और नौकरी में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए तिजोरी पर लाल रंग का स्वास्तिक बनाएं। उत्तर पूर्व की दिशा में स्वास्तिक बनाना चाहिए।
स्वास्तिक बनाते समय सबसे पहले दाएं भाग को बनाए, फिर बाएं हिस्से को बनाएं। इस प्रकार स्वास्तिक बनाना बेहद शुभ माना जाता है। सही तरीके से स्वास्तिक बनाने से मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है।