अगर रात में 8 घंटे की चैन की नींद ली जाए, तो अगले दिन शरीर और मस्तिष्क पूरी तरह तरोताजा रहते हैं। अच्छी नींद लेने से शरीर के भीतर की थकान पूरी तरह दूर हो जाती है।
नींद के दौरान इंसान के भीतर लौकिक ऊर्जा आती है। वहीं जो लोग रात में अच्छी नींद नहीं लेते, ऐसे व्यक्तियों को थकान, आलस्य, चिड़चिड़ापन जैसा अनुभव होता है।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक ठीक से नींद ना ले पाने की वजह व्यक्ति के सोने की दिशा और उसकी आदतें हैं। वास्तु शास्त्र में बताए गए नियमों के आधार पर सोएं तो रात में चैन की नींद ले सकते हैं।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक हमें पूर्व दिशा में सोना चाहिए। पूर्व दिशा में सिर करके सोने से व्यक्ति के ऊपर सकारात्मक प्रभाव पड़ता। कार्य करने की क्षमता और ध्यान की शक्ति में वृद्धि होती है।
उत्तर दिशा में सिर रखकर कभी भी सोना नहीं चाहिए। ऐसा करने से दिमाग में कई प्रकार के नकारात्मक विचार आते हैं। इसके अलावा व्यक्ति कई तरह की बीमारियों से ग्रसित भी हो सकता है।
वास्तु कहता है कि आप पश्चिम दिशा में भी सिर करके सो सकते हैं। मान्यता है कि इस दिशा में सोने से व्यक्ति का यश बढ़ने लगता है।
वास्तुशास्त्र के मुताबिक गंदे बिस्तर और टूटे हुए बेड पर कभी भी सोना नहीं चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना गया है। इस बात का जरूर ध्यान रखें कि निर्वस्त्र होकर कभी ना सोएं।
सोने से पहले अपने हाथ मुंह को धोकर जरूर कुल्ला करें। बिस्तर पर जूठे मुंह नहीं सोना चाहिए। जूठे मुंह बिस्तर पर सोने से व्यक्ति को अच्छी नींद नहीं आती है।