मनोकामना पूरी करने के लिए बहुत लोग वैभव लक्ष्मी का व्रत रखते हैं, लेकिन इस व्रत का उद्यापन कैसे किया जाता है? उसका बहुत लोगों को नहीं पता होता है
शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन विशेष रूप से माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए वैभव लक्ष्मी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को स्त्री और पुरुष दोनों रख सकते हैं
व्रत वाले दिन वैभव लक्ष्मी की पूजन और कथा करनी चाहिए। व्रत के दौरान मनुष्य को खान-पान और पूजा पाठ पर विशेष ध्यान देना चाहिए। व्रत की गिनती पूरी होने के बाद उन्हें शास्त्रीय विधि के अनुसार ही उद्यापन करना चाहिए।
इस व्रत को सात, ग्यारह और इक्कीस शुक्रवार तक रखते हैं। गिनती पूरी होने तक प्रत्येक शुक्रवार को व्रत करना चाहिए। साथ ही, वैभव लक्ष्मी कथा पुस्तक में बताए हुए विधि के अनुसार नियम का पालन करते हुए व्रत रखना चाहिए।
हर शुक्रवार को जैसे वैभव लक्ष्मी का पूजन करते हैं, उसी विधान से पूजन करें। आखिरी शुक्रवार को प्रसाद के लिए खीर और पूड़ी जरुर बनाएं।
सभी कन्याओं और महिलाओं को भोजन के बाद प्रणाम करते हुए वैभव लक्ष्मी की पुस्तक, शगुन के रूप में रूप और सुहागन महिलाओं को श्रृंगार के सामान भेंट करें और उनका आशीर्वाद लें।
माता लक्ष्मी को खीर का भोग बहुत पसंद है, इसलिए खीर का भोग जरूर चढ़ाएं। इसके साथ ही आप हलवा या मिठाई का भोग जरूर लगाएं।
किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के शुक्रवार से शुरू करना शुभ माना जाता है। लेकिन, मलमास या खरमास में व्रत की शुरुआत या उद्यापन नहीं करना चाहिए।
इस तरीके से वैभव लक्ष्मी का व्रत रखें और फायदे पाएं। व्रत से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM