एंटीबायोटिक दवाइयां लेने वालों के लिए इसका ज्यादा सेवन खतरे की घंटी भी हो सकती है। आइए जानते हैं इसके अधिक सेवन से होने वाली गंभीर बीमारियों के बारे में।
एंटीबायोटिक दवाओं का सोच-समझकर इस्तेमाल करना अति आवश्यक हो गया है। लोग सर्दी, खांसी, जुकाम जैसी छोटी समस्या और अन्य मौसमी बीमारियों में भी इसका सेवन करने लगे है।
अस्पताल में भर्ती सीरियस रोग से परेशान मरीज सेप्सिस का शिकार हो रहे है। इससे बचाने के लिए एंटीबायोटिक का समझ बूझकर ही इस्तेमाल करना होगा।
एंटीबायोटिक दवाइयों के अधिक सेवन से शरीर में अन्य दवाओं के प्रति रुकावट पैदा होती है। ऐसे मरीजों पर अस्पताल में भर्ती होने पर भी दवाएं उनपर बेअसर साबित होती है। इस केस में वे सेप्सिस का शिकार हो जाते है।
सेप्सिस एक ऐसी स्थिति होती है, जब शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र किसी इंफेक्शन पर खतरनाक रिएक्शन करता है। इस रिएक्शन से शरीर के अंगों और टिशु को नुकसान पहुंचता है।
सेप्सिस की समस्या होने पर जब अंगों और टिशू पर असर पड़ने लगता हैं तो शरीर के अंग भी काम करना बंद कर देते है। ऐसी स्थिति में कई बार मरीजों की मृत्यु तक हो सकती है।
निश्चेतना विभाग में प्रोफेसर डा सारिका कटियार के अनुसार अस्पताल में लगभग 40-50 फीसदी मौतें सेप्सिस के कारण होती है। इससे बचाव के लिए जागरूकता होना बेहद जरूरी है।
बिना डॉक्टर को दिखाएं मेडिकल स्टोर से एंटीबायोटिक लेने से बचें। क्योंकि कई बार अनजाने में भी लोग हद से ज्यादा एंटीबायोटिक का सेवन कर लेते है।