पेट में पेप्टिक अल्सर या एसिड रिफ्लक्स वाले लोगों को ग्रीन टी का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। चाय गैस्ट्रिक एसिड का एक शक्तिशाली उत्तेजक है।इसलिए परेशानी हो सकती है।
ग्रीन टी आयरन के अवशोषण को कम कर देती है। ग्रीन टी का अर्क गैर-हीम आयरन के अवशोषण को 25 प्रतिशत तक कम कर देता है। इसके अत्याधिक सेवन से एनीमिया हो सकता है।
ग्रीन टी में भी कैफीन होता है और अत्यधिक कैफीन के सेवन से घबराहट, चिंता, असामान्य हृदय गति और कंपकपाहट हो सकती है। उच्च कैफीन का सेवन भी कैल्शियम के अवशोषण में बाधा डाल सकता है।
ग्रीन टी में कैफीन, कैटेचिन और टैनिक एसिड होते हैं। तीनों पदार्थों को गर्भावस्था के जोखिमों से जोड़ा गया है। यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान कराती हैं, तो कम मात्रा में ग्रीन टी लें।
ग्रीन टी में मौजूद कैफीन चिंता को बढ़ाता है। इसका अधिक सेवन करने से डिप्रेसन और चिंताएं बढ़ सकती हैं। इसलिए इसका कम व उचित मात्रा में ही सेवन करें।
बहुत अधिक मात्रा में ग्रीन टी के सेवन से अनिद्रा की शिकायत भी हो सकती है. इसके अति सेवन से नींद प्रभावित होती है और इससे जुड़ी कई दूसरी बीमारियां भी हो सकती हैं।