18 मार्च को पापमोचिनी एकादशी है। इस दिन शनिवार होने के कारण इसका महत्व और भी अधिक बढ़ गया है।
पापमोचनी एकादशी व्रत 18 मार्च को शुरू होगा और इसका पारण 19 मार्च को सुबह 6 से 9 बजे किया जाएगा।
इस दिन शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैया से पीड़ित लोगों को शनि के उपाय करने से विशेष लाभ होगा।
यह दिन शनिदोष कम करने के लिए भी बहुत खास है। इसलिए विष्णु भगवान के साथ शनि देव के मंत्र का जाप करें।
विष्णु मंत्र - ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय। शनि मंत्र - ऊँ शं शनैश्चराय नमः।
इस दिन मंदिर में जाकर शनि देव का तेल से अभिषेक करें और उन्हें नीले फूल चढ़ाएं।
शनिदेव को काले तिल के साथ कील, काला कपड़ा आदि भी अर्पित किया जा सकता है।
इस दिन हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।